भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में नवीन युवा नीति (New Youth Policy) बनाने के लिए राज्य सरकार (State Government) का उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) युवाओं से संवाद (Conversation) करने जा रहा है। इसके लिए सेमिनार (Seminar) व युवा संवाद कार्यक्रम (Youth Dialogue Program) होंगे। राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) ने कहा है कि युवाओं के सुझावों से मध्य प्रदेश की नवीन युवा नीति निर्माण किये जाने को लेकर प्रदेश के 1500 से अधिक सभी शासकीय-निजी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में सेमिनार एवं युवा संवाद कार्यक्रम किए जाएंगे। डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के समस्त शासकीय विश्वविद्यालयों में ‘युवा संवाद’ कार्यक्रम किए जाएंगे। प्रथम कार्यक्रम विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन (Vikram University Ujjain) में 27 दिसंबर को होगा।
इसी क्रम में 29 दिसंबर को रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर (Rani Durgavati University Jabalpur), 30 दिसंबर को देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (Devi Ahilya University) और इंदौर (Indore) और अंबेडकर विश्वविद्यालय महू (Ambedkar University Mhow) द्वारा इंदौर में, एक जनवरी को खंडवा में, दो जनवरी को बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में, तीन जनवरी को महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय, बुंदेलखंड छतरपुर द्वारा सागर में, चार जनवरी को जीवाजीराव विश्वविद्यालय, ग्वालियर और छह जनवरी को अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा (Awadhesh Pratap Singh University Rewa) द्वारा युवा नीति निर्माण पर केंद्रित संवाद कार्यक्रम किए जाएंगे। बताया गया है विश्वविद्यालयों के अलावा इसके अतिरिक्त प्रदेश के सभी 39 निजी विश्वविद्यालय भी सेमिनार करेंगे एवं युवाओं के सुझाव संकलित करेंगे।
सुझाव को ऑनलाइन माध्यम (Online Media) से एकत्र करने के लिए एक टेम्पलेट (Template) भी जारी किया गया है। इन कार्यक्रमों में मोटिवेशनल स्पीकर (Motivational Speaker), कलाकार और विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त व्यक्तियों को आमंत्रित किया जाएगा, जो युवाओं को प्रेरक उद्बोधन देंगे। डॉ. यादव के मुताबिक नई युवा नीति को लेकर विशेषज्ञों, यंग आर्टिस्ट, एनसीसी, एनएसएस से जुड़े चुनिंदा युवाओं के साथ परिचर्चा का आयोजन भी किया गया है। युवा नीति के निर्माण में अधिकतम युवाओं की सहभागिता हो इसलिए उच्च शिक्षा विभाग से जुड़े समस्त शासकीय और निजी महाविद्यालय और विश्वविद्यालयों से सुझाव एकत्रित किए जा रहे हैं। (आईएएनएस)