
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज से लगातार 5 दिन तक 52 विभागों की समीक्षा करेंगे जिसमें मंत्रियों के परफॉर्मेंस को भी परखेंगे नए साल में प्रदेश के सामने जो भी समस्याएं है उनके समाधान के लिए समीक्षा से रास्ता निकालने की कोशिश की जाएगी।
दरअसल नया वर्ष शुरू होते ही विभिन्न क्षेत्रों में नए संकल्प लिए जाते हैं और पिछले साल की समीक्षा भी की जाती है और आगामी दिनों के लिए ऐसी रणनीति बनाई जाती है जिससे कि सफलता का हाईवे मिल सके जहां तक राजनीतिक क्षेत्र की बात है तो सत्ताधारी दल के लिए लगातार समीक्षा करना उन पर अमल करना सरकार के प्रति एंटी इनकंबेंसी पनपने से रोकने जैसा है प्रदेश में लंबे अरसे से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रायः इस तरह के प्रयोग करते रहते हैं कभी विधायकों से वन टू वन करते हैं तो कभी मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा करते हैं और उन्हें नये टास्क देते हैं ऐसे प्रयोगों से जहां संवाद बढ़ता है वहीं दायित्वों का बोध भी होता है
बहरहाल, नए वर्ष की शुरुआत से ही एक तरफ जहां कोरोना महामारी की चुनौती दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है वहीं दूसरी ओर राजनीतिक क्षेत्र में भी चुनौतियां कम होने का नाम नहीं ले रही है।
इन्हीं चुनौतियों के बीच मुख्यमंत्री चौहान आज 3 जनवरी से 7 जनवरी तक लगातार पांच दिन मैं 52 विभागों की समीक्षा करेंगे पिछले साल समीक्षा बैठक के दौरान मंत्रियों को आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश बनाने के लिए कुछ टास्क दिए गए थे इस बार की समीक्षा में यह निकल कर आएगा कि कितने मंत्री मुख्यमंत्री की उम्मीदों पर खरे उतरे हैं खासकर आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश बनाने की दिशा में क्या प्रगति हुई है आगे भी इस दिशा में तेजी लाने के प्रयासों पर चर्चा होगी इस दौरान मंत्रियों से संभावित कोरोना महामारी की चुनौती से निपटने में सक्रिय रहने और राजनीतिक रूप से जो परिस्थितियों प्रदेश में हुई है खासकर त्रिस्तरीय पंचायती राज के चुनाव निरस्त हुए हैं और पिछड़े वर्ग के आरक्षण को लेकर भी उठापटक मची हुई है इन दो बातों को लेकर मंत्रियों से कहा जाएगा कि वे अपने-अपने क्षेत्रों और प्रभार वाले जिलों में ना केवल प्रवास करें बल्कि राजनैतिक मुद्दों पर भी पार्टी का पक्ष कार्यकर्ताओं और आम जन तक पहुंचाने की कोशिश करें अनुपूरक बजट के बाद विभागों के कामों में तेजी लाएं एवं पिछले वर्ष जो समीक्षा बैठक के दौरान टास्क दिए गए थे उस में यदि पिछड़े हैं तो इसके क्या कारण है यह भी मंत्रियों से जानेंगे और जिन मंत्रियों ने अपने विभाग में प्रगति की है केंद्र सरकार से राशि आवंटित करवाई है।
योजनाएं स्वीकृत करवाई है ऐसे मंत्रियों को प्रोत्साहित भी करेंगे जिससे वे भविष्य में और अधिक दक्षता और क्षमता के साथ परफारमेंस दे सके इस लिहाज से आज से शुरू हो रही मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा महत्वपूर्ण मानी जा रही है पहले दिन 3 जनवरी को सामान्य प्रशासन विभाग वित्त विभाग गृह विभाग जेल विभाग वाणिज्य कर विभाग श्रम विभाग खेल एवं युवा कल्याण विभाग अध्यात्म और वन विभाग सहित 9 विभागों की समीक्षा की जाएगी जबकि कल 4 जनवरी को विधि एवं विधायी कार्य योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग सहकारिता विभाग किसान कल्याण तथा कृषि विभाग मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विभाग पशुपालन विभाग ऊर्जा विभाग नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम विभाग सहित 9 विभागों की समीक्षा होगी।
वही 5 जनवरी को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण विभाग विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग लोक निर्माण विभाग स्कूल शिक्षा विभाग विमानन भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास पर्यटन संस्कृति खनिज साधन विभाग सहित 11 विभागों की समीक्षा होगी जबकि 6 जनवरी को पंचायत एवं ग्रामीण विकास जनजाति कार्य विभाग अनुसूचित जाति कल्याण विभाग पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति कल्याण लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग चिकित्सा शिक्षा आयुष विभाग जल संसाधन नर्मदा घाटी विकास नगरीय विकास एवं आवास विभाग सहित 11 विभागों की समीक्षा होगी और अंत में 7 जनवरी को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग उच्च शिक्षा विभाग लोक सेवा प्रबंधन जनसंपर्क तकनीकी शिक्षा कौशल विभाग महिला एवं बाल विकास उद्यान की तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग परिवहन विभाग पर्यावरण विभाग लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग राजस्व विभाग सहित 12 विभागों की समीक्षा की जाएगी।
कुल मिलाकर आज से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा विभिन्न विभागों की समीक्षा शुरू की जा रही है जिसमें मंत्रियों के परफॉर्मेंस को तो परखा ही जाएगा सामाजिक एवं राजनीतिक रूप से सरकार का सकारात्मक संदेश बनाने और समस्याओं के समाधान के निराकरण की दिशा में सरकार कैसे आगे बढ़े इस पर भी निष्कर्ष निकाला जाएगा माना जा रहा है की समीक्षा के बाद समस्याओं के समाधान में तेजी आएगी