मुंबई। शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) पार्टी के प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने शनिवार को कहा कि राज्य के राज्यपाल पद के लिए किसी व्यक्ति के चयन को लेकर कुछ मानदंड तय होने चाहिए। ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र (Maharashtra) के राज्यपाल भगत सिंह (Bhagat Singh) कोश्यारी छत्रपति शिवाजी महाराज और समाज सुधारक ज्योतिबा फुले तथा सावित्रीबाई फुले जैसी श्रद्धेय शख्सियतों का अपमान कर रहे हैं। ठाकरे ने कहा कि राज्य के एक मंत्री ने एकनाथ शिंदे के ‘‘विश्वासघात’’ (जून में हुई बगावत जिसके कारण महाविकास आघाड़ी सरकार गिर गई थी) की तुलना योद्धा शासक शिवाजी के आगरा से भागने से की और ‘‘ऐसे लोग पद पर बने हुए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा ‘राज्यपाल, राष्ट्रपति का प्रतिनिधि होता है और ऐसे पद पर किसे नियुक्त करना चाहिए इसके लिए कुछ मानदंड होने चाहिए। मैं मांग करता हूं कि ऐसे नियम बनाए जाएं। राज्य और इसके प्रतीकों का अपमान करने वालों के खिलाफ लोगों और नागरिकों से हाथ मिलाने की अपनी अपील को दोहराते हुए ठाकरे ने कहा हम आगामी दिनों में एक कार्यक्रम की घोषणा करेंगे। हम खुद को केवल महाराष्ट्र बंद तक सीमित नहीं रखना चाहते हैं। महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच सीमा विवाद पर ठाकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) कर्नाटक के अपने समकक्ष बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) के बयान पर मौन हैं।
बोम्मई ने महाराष्ट्र के मंत्रियों चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant Patil) और शंभूराज देसाई (Shambhuraj Desai) की अगले सप्ताह बेलगावी की प्रस्तावित यात्रा पर आपत्ति जताते हुए शुक्रवार को कहा कि यह यात्रा ठीक नहीं है। ठाकरे ने कहा शिंदे और उनके विधायकों को बेलगाम और कर्नाटक के अन्य मराठी भाषी क्षेत्रों को महाराष्ट्र में मिलाने के लिए कामख्या देवी से प्रार्थना करने गुवाहाटी (असम) जाना चाहिए। मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो रेल कारशेड (Metro Rail Carshed) के निर्माण को लेकर सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि कांजुरमार्ग में इसका निर्माण हो सकता था। उन्होंने दावा किया लेकिन राज्य सरकार का रवैया पर्यावरण को नुकसान की कीमत पर अपने अहंकार की रक्षा करने का है। ठाकरे ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी विभाजित नहीं हुई है, बल्कि हर बीतते दिन के साथ मजबूत होती जा रही है। (भाषा)