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ATS की पकड़ में आया 'सबसे बड़ा गैर कानूनी धर्मांतरण गिरोह' चलाने वाला मौलाना, पढ़ें रिपोर्ट

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ATS की पकड़ में आया 'सबसे बड़ा गैर कानूनी धर्मांतरण गिरोह' चलाने वाला मौलाना, पढ़ें रिपोर्ट
लखनऊ | ATS UP Illegal Conversion : यूपी विधानसभा चुनाव के पहले एक बार फिर से ATS की कार्रवाई ने सनसनी फैला दी है. आतंकवाद रोधी दस्ते (ATS) ने 'सबसे बड़ा गैर कानूनी धर्मांतरण गिरोह' संचालित करने के आरोप में मेरठ से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. इस संबंध में जानकारी देते हुए अपर पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बुधवार को बताया कि एटीएस ने मेरठ से इस्लामी विद्वान मौलाना कलीम सिद्दीकी को मंगलवार रात गिरफ्तार किया. उन्हें सबसे बड़े गैर कानूनी धर्मांतरण गिरोह के संचालन के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. कुमार ने बताया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के वित्तपोषण से संचालित किए जा रहे इस्लामिक दावा सेंटर में मूक-बधिर छात्रों का अवैध रूप से धर्मांतरण किये जाने की सूचना मिल रही थी.

अब तक 11 लोगों को किया जा चुका है गिरफ्तार

ATS UP Illegal Conversion : दिल्ली के जामिया नगर निवासी मुफ्ती काजीजी जहांगीर आलम कासमी और मोहम्मद उमर गौतम की पिछली 20 जून को हुई गिरफ्तारी के बाद ATS इस मामले की जांच कर रही है और अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. कुमार ने दावा किया कि जांच में पता चला है कि उमर गौतम और उसके साथी को ब्रिटेन की एक संस्था अल-फला ट्रस्ट से 57 करोड़ रुपए मिले थे. मगर वे उसके खर्च का विवरण नहीं दे सके. यह भी पाया गया कि कलीम सिद्दीकी अवैध धर्मांतरण गिरोह में शामिल हैं और विभिन्न शैक्षणिक, सामाजिक और धार्मिक संगठनों की आड़ में वह पूरे देश में अवैध रूप से धर्मांतरण का काम कर रहे हैं. इसे भी पढेंVirat Kohli अब नहीं खेलेंगे T-20 Cricket !

विदेश से भी होती थी फंडिंग

ATS UP Illegal Conversion : अपर पुलिस महानिदेशक का कहना है कि अवैध धर्मांतरण का काम बहुत ही योजनाबद्ध और संगठित रूप से किया जा रहा है. इस काम में अनेक जानी-मानी संस्थाएं भी शामिल हैं. कुमार ने कहा "यह भी सामने आया है कि कलीम सिद्दीकी सबसे बड़ा अवैध धर्मांतरण गिरोह संचालित करते हैं और लोगों को धमकाकर और भ्रमित करके उनका धर्मांतरण कराते हैं. ATS ने यह भी पाया है कि वह जामिया इमाम वली उल्लाह ट्रस्ट के भी संचालक हैं जो सांप्रदायिक सौहार्द के कार्यक्रमों के नाम पर अवैध धर्मांतरण के काम में लिप्त हैं. कलीम इसके लिए मदरसों को भी वित्तीय मदद करते हैं. इसके लिए उन्हें विदेश से बड़े पैमाने पर रकम मिलती है. इसे भी पढें - केरल के प्रसिद्ध मंदिर के ट्रस्ट को 25 साल के ऑडिट का सामना करना पड़ेगा: सुप्रीम कोर्ट
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