
नागपुर | Humanity is Still Alive : भारत की सबसे बड़ी खासियत है कि यहां अनेकता में एकता देखने को मिलती है. कई राजनीतिक मतभेदों के बाद भी आज भी भारत में ऐसे लोग मौजूद हैं जो धर्म और संस्कृति से ऊपर उठकर मानवता को स्थान देते हैं. ऐसा ही एक मामला महाराष्ट्र के नागपुर से सामने आया है जहां एक 7 साल से एक लड़का हिंदू परिवार में रह रहा था. जब लापता हुआ था तो उसे खुद भी इस बात की जानकारी नहीं थी कि वह कौन है और कहां से आया है. इसके बाद भी एक हिंदू परिवार ने उसे अपने घर पर पनाह दी और 7 सालों तक उसका पालन पोषण किया. इतने समय के बाद जब यह पता चला कि यह बच्चा एक मुस्लिम परिवार का है तो सब कोई चौक गए थे. बाद में बच्चे को उसके माता पिता अपने साथ वापस लेकर चले गए.
मानसिक रूप से विक्षिप्त है लड़का
Humanity is Still Alive : इस लड़के का नाम मोहम्मद आमिर है और वो जबलपुर में अपने घर से लापता हो गया था. लड़की की मानसिक स्थिति सही नहीं है. इसलिए वह किसी को यह नहीं पता पाया कि वह कौन है और उसके मां-बाप कहां रहते हैं. बच्चा किसी तरह नागपुर के रेलवे स्टेशन पर पहुंच गया था. पुलिस ने उसके मां-बाप को काफी ढूंढने की कोशिश की लेकिन जब कुछ पता नहीं चला तो उसे सरकारी बाल गृह भेज दिया गया. बाल गृह से एक दंपत्ति आमिर को अपने साथ ले गया और 7 सालों तक उसकी देखरेख करता रहा. आमिर की देखभाल महिला ने उसकी मां की कर रही थी जिस कारण आमिर को आज भी उस महिला से काफी लगाव है.
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आधार कार्ड बनवाने के दौरान सच्चाई आई सामने
Humanity is Still Alive : बच्चे को 7 साल तक पालने वाले दंपति ने बताया कि आधार कार्ड बनवाने के दौरान उन्हें इस बात की सच्चाई पता चली. उन्होंने बताया कि अपने प्रेम का त्याग करते हुए उन्होंने आमिर के असली माता पिता को इस बात की सूचना दी कि का बेटा सुरक्षित उनके पास है. यह बात सुनकर आमिर के असली माता पिता की खुशियों का ठिकाना नहीं रहा. 3 महीने पहले आमिर के असली माता पिता उसे अपने साथ लेकर चले गए. लेकिन 12 जुलाई के दिन आमिर एक बार फिर से नागपुर आया और उसे पाने वाले दंपत्ति के साथ उसका जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया.
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