नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (7 जनवरी, 2021) को अपने अंतरिम आदेश में वर्ष 2021-22 के लिए अधिसूचित मानदंडों के अनुसार NEET-PG काउंसलिंग को फिर से शुरू करने की अनुमति दी। शीर्ष अदालत ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) कोटा की वैधता को बरकरार रखा। सुप्रीम कोर्ट ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) सीटों में इस साल मौजूदा मानदंडों के रूप में सभी मेडिकल सीटों के लिए एनईईटी में प्रवेश की अनुमति दी है। ( NEET-PG counseling allowed)
Supreme Court allows NEET-PG Counselling for 2021-2022 based on existing EWS/OBC reservation
— ANI (@ANI) January 7, 2022
NEET-PG काउंसलिंग रोक दी गई
हालांकि, शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस साल मार्च में ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए 8 लाख रुपये की आय के मानदंड के औचित्य पर फैसला करेगी। इससे पहले जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान कहा कि हम इस मामले की दो दिनों से सुनवाई कर रहे हैं, हमें राष्ट्रहित में काउंसलिंग शुरू करनी चाहिए। शीर्ष अदालत के समक्ष मामला लंबित होने के कारण NEET-PG काउंसलिंग रोक दी गई है। पीठ ने पक्षकारों से मामले में अपनी लिखित दलीलें दाखिल करने को कहा।
संशोधित मानदंड को संभावित रूप से लागू किया (NEET-PG counseling allowed)
केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तर्क दिया कि किसी भी संशोधित मानदंड को संभावित रूप से लागू किया जाना चाहिए और वर्तमान परामर्श और प्रवेश मौजूदा मानदंडों के अनुसार आयोजित किया जाना चाहिए। सरकार ने ओबीसी आरक्षण के साथ-साथ ईडब्ल्यूएस निर्धारित करने के लिए 8 लाख रुपये की आय मानदंड का भी बचाव किया। ( NEET-PG counseling allowed)