नई दिल्ली | Online Food Will Expensive : कोरोना काल में आम लोगों के लिए सबसे ज्यादा राहत पहुंचाने का काम ऑनलाइन फूड डिलीवरी ने हीं किया है. जोमैटो और स्विगी जैसी कंपनियां पूरे देश में फेल चुकी हैं. स्कूल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र छात्राएं हैं या फिर ऑफिस में काम करने वाले लोग सभी के लिए ऑनलाइन फूड एक बड़ी जरूरत बन गया है. अब कहा जा रहा है कि ऑनलाइन फूड डिलीवरी महंगी हो सकती है. बताया गया है कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस पर विचार किया जा रहा है. GST कमेटी ने ऑनलाइन फूड डिलीवरी एप्स को कम से कम 5 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में लाने की सिफारिश की है. साफ है कि यदि ऐसा होता है तो फिर swiggy और zomato जैसे online food delivery app से खाना मंगवाना महंगा पड़ सकता है.
फूड एग्रीगेटर को ई कॉमर्स ऑपरेटर माना जाए
Online Food Will Expensive : जानकारी के अनुसार शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक लखनऊ में आयोजित की जा रही है. बैठक के दौरान इस पर संभवत: निर्णय हो सकता है. बता दें कि अभी जो व्यवस्था है उसके अनुसार सरकार को टैक्स में तो 2 हजार करोड़ रुपए के नुकसान की बात कही गई है. अब GST काउंसिल का कहना है कि फूड एग्रीगेटर को ई-कॉमर्स ऑपरेटर माना जाए. इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में राज्यों के सभी वित्त मंत्री भी शामिल होंगे.
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इसके पहले 12 जून को हुई थी बैठक
Online Food Will Expensive : कोरोना काल के दौरान जीएसटी काउंसिल की बैठक को लंबे समय तक टाल दिया गया था. पिछली बार वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा जीएसटी काउंसिल की बैठक 12 जून को आयोजित की गई थी. इस दौरान देशभर में कोरोना कि दूसरे लहर का कहर बरसा रहा था. उसके बाद से अब तक किसी भी बैठक का आयोजन नहीं किया गया था. ऐसे में अब यदि जीएसटी काउंसिल ऑनलाइन फूड डिलीवरी पर फैसला लेती है तो फिर ऑनलाइन खाना मंगाना महंगा पड़ सकता है.
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