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प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को नहीं मिल रहा लाभ

ByNI Desk,
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प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को नहीं मिल रहा लाभ
जालंधर। गरीबी रेखा से नीचे रह रहे लोगों को मकान उपलब्ध करवाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य के लोगों को सम्पूर्ण लाभ नहीं मिल पा रहा है जिसके चलते लोगों को कड़ाके की ठंड में भी बिना छत्त के गुजारा करना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना जमीनी स्तर पर लोगों के लिए कितनी कारगर साबित हुई है यह जालंधर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत फायदा लेने वाले लोगों का हाल देखकर साफ पता चल जाता है। योजना का लाभ लेने के लिए लोगों ने अपने घर तोड़ दिए लेकिन इस योजना के तहत लोगों को केवल 50 हजार रूपये ही मिले और शेष लाभ के इंतजार में अब कड़ाके की ठंड में बिना छत के गुजारा कर रहे हैं। जालंधर का सलेमपुर गांव में लगभग 70 घरों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत डेढ़ लाख रुपए की राशि तीन समान किश्तों में दी जानी थी और इन्हें पहली किस्त के रूप में 50 हजार देने के पश्चात किसी अधिकारी ने इनका हाल नहीं पूछा।
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सलेमपुर के निवासियों ने बताया कि उनके घर कच्ची छत्त वाले थे जिन पर लेंटर डालने के लिए सरकार को उन्हें डेढ़ लाख रुपए देने थे और जब उन्हें 50 हजार रूपये मिले तो उन्होंने अपने घर तोड़ दिए और दीवारें खड़ी कर ली पर उसके बाद आज तक उन्हें कोई पैसा नहीं मिला। लोगों का कहना है कि उनमें से किसी ने तीन से लेकर दस फीसदी तक ब्याज पर पैसा उधार लेकर छत्त तो डाली है पर अभी तक सरकार की ओर से कोई माली सहायता नहीं मिली। योजना के लाभ का इंतजार कर रहे लोगों ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पैसे लेने के लिए उन्होंने अपने घर तुड़वा दिए है और अब किराए के मकानों में रहने के लिए मजबूर हो गए हैं। लोगों की प्रशासन से अपील है कि उन्हें जल्द से जल्द प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बकाया राशि मुहैया करवाई जाए ताकि वह साहूकारों के कर्जे से मुक्त हो सकें और अपने घरों में पुनर्वास कर सकें। इस संबंध में जालंधर नगर निगम आयुक्त दीपर्व लाकड़ा ने बताया कि 27 में से 22 घरों को देने के लिए राशि उनके पास पहुंच गई है जो शुक्रवार को शाम तक लोगों के खाते में चली जाएगी।
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उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी इलाकों में एक करोड़ मकानों के निर्माण को मंजूरी दी जा चुकी है जिनमें से देश में लगभग 30 लाख मकान बन चुके हैं और 57 लाख मकान निर्माणाधीन हैं। देश के शहरी इलाकों में अनुमानित एक करोड 12 लाख मकानों की मांग हैं जिसमें से एक करोड़ सस्ते मकान बनाने की मंजूरी प्रदान कर दी गयी है। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी इलाके में सबसे बड़ी आवासीय योजना है जिसमें गरीब लोगों को मकान बनाने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। इस अवसर पर मंत्रालय में सचिव दुर्गा शंकर मिश्र भी मौजूद थे।
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