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PM Modi Meeting On Kashmir : पीएम के बैठक में आमंत्रण नहीं मिलने से नाराज हैं कश्मीरी पंडितों के संगठन, जताया असंतोष

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PM Modi Meeting On Kashmir : पीएम के बैठक में आमंत्रण नहीं मिलने से नाराज हैं कश्मीरी पंडितों के संगठन, जताया असंतोष
नई दिल्ली |  PM Modi Meeting On Kashmir : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कश्मीर के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. पीएम मोदी ( PM Modi) के साथ बैठक के लिए कश्मीर ( Jammu Kashmir) से कई नेता दिल्ली पहुंचे हैं. ऐसे में एक तबका और भी है जो पीएम की इस बैठक में ज्यादा रूची नहीं ले रहा है और नाराज है. दरअसल, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के लिए भावी रणनीतियों के संदर्भ में प्रवासी कश्मीरी पंडितों के संगठन पनून कश्मीर ने असंतोष जताया है. सूत्रों के मुताबिक पनून कश्मीर के संयोजक डॉ अग्निशेखर ने प्रधानमंत्री को लिखे खुले पत्र में कहा है कि पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन(संप्रग) सरकार ने तीन दौर की बैठक में हमें आमंत्रित किया था, भले ही नतीजा जो भी रहा. इतना ही नहीं , बल्कि पनून कश्मीर के संयोजक के रूप में मैं तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में पांच बार अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ उनसे मिला था.”

विशेष राज्य का दर्जा हटाने के बाद ये पहली बैठक

PM Modi Meeting On Kashmir : बता दें कि अगस्त-2019 को जम्मू -कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा हटा लिये जाने और इसे दो केंद्रशासित प्रदेश के रूप में विभाजित किये जाने के बाद प्रधानमंत्री के साथ वहां की मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के साथ यह अपनी तरह की पहली बैठक है. केंद्र ने जम्मू कश्मीर के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों फारुक अब्दुल्ला , उमर अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद और महबूबा मुफ्ती के साथ ही चार उपमुख्यमंत्रियों मुजफ्फर हुसैन बेग , तारा चंद , निर्मल सिंह और कविन्दर गुप्ता को बैठक में शामिल होने के लिए औपचारिक आमंत्रण भेजा था. इनके अलावा छह राजनीतिक दलों के नेताओं मोहम्म्द युसुफ तरिगामी(मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी) , सज्जाद गनी लोन (पीपुल्स कांफ्रेंस) , मोहम्मद अल्ताफ बुखारी(अपनी पार्टी), प्रो. भीम सिंह (पैंथर्स पार्टी) रवीन्दर राणा (भारतीय जनता पार्टी) और जी एक मीर (कांग्रेस) को भी आमंत्रित किया गया है. इसे भी पढें- चीन में एक बच्चे की मासूमियत के चलते पापा को लगा 15,000 का चुना..जानें मामला

केंद्र सरकार का रूख जानने के लिए बैठक में शामिल हुए 

इस बीच पांच राजनीतिक दलों के एक समूह - पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कर डिक्लेरेशन के अध्यक्ष डॉ. अब्दुल्ला ने कहा है कि गठबंधन के नेता यह जानने के लिए बैठक में शामिल होंगे कि केंद्र का क्या रूख है, हालांकि बैठक के लिए कोई औपचारिक एजेंडा घोषित नहीं किया गया है. जम्मू-कश्मीर के नेताओं ने संकेत दिया है कि वे राजनीतिक बंदियों की रिहाई के अलावा अनुच्छेद 370 और पूर्ण राज्य की बहाली के लिए दबाव डालेंगे. सूत्रों के मुताबिक सरकार जम्मू -कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा बहाल करने पर सहमत नहीं होगी , लेकिन उसे राज्य का दर्जा देने पर विचार कर सकती है. इसे भी पढें- Side Effect Of love : पति की दूसरी शादी का पता चलने के बाद दुकान पहुंच गई पत्नी, फिर दे चप्पल.. दे चप्पल …
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