
New Delhi: देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम किसान योजना के तहत 14 मई को किसानों को उनकी अगली किस्त देने का फैसला लिया है. माना जा रहा है कि पीएम की एस घोषणा से किसानों के चेहरे पर कुछ हद तक मुस्कान जरूर लौटेगी. इससे पहले पीएम किसान योजना की आखिरी किस्त क्रिसमस पर यानी 25 दिसंबर 2020 को अदा की गई थी. वहीं इस बार ये किस्त ईद के मौके पर किसानों को दी जाएगी. एक अधिकारी के मुताबिक ममता बनर्जी की अगुवाई वाली सरकार ने अब तक पश्चिम बंगाल में इस योजना को लागू करने का विरोध किया था, लेकिन अब पहली बार वो इस नकद हस्तांतरण योजना में शामिल हुई हैं. आगामी किस्त के लिए लगभग 90.5 मिलियन किसान अपने खातों में सीधे नकद प्राप्त कर सकेंगे. ये भुगतान 19,000 करोड़ रुपये का होगा, जिससे अब तक का सबसे बड़ा भुगतान माना जा रहा है. जानकारी के मुताबिक 25 दिसंबर 2020 को आखिरी किस्त 18,000 करोड़ रुपये की थी. वहीं 14 मई दी जाने वाली किस्त 2021-22 के लिए पीएम किसान योजना की पहली किस्त होगी. इस योजना के तहत सरकार किसानों के खातों में 2000 रुपए डालती है. जिससे किसानों को प्रति वर्ष 6,000 रुपए की आय इस योजना से मिलती है.
अप्रैल और जुलाई के बीच किसी भी तारीख को भुगतान
सरकार वित्तीय वर्ष की पहली किस्त का भुगतान करने के लिए अप्रैल और जुलाई के बीच किसी भी तारीख का चयन कर सकती है. पिछले साल अधिकांश लाभार्थियों को 20 अप्रैल तक भुगतान किया गया था. वहीं राज्यों को किसानों के संकलन, डेटा संकलन और अपलोड करने में काफी बाधाओं का सामना करना पड़ा था. राज्यों को एक केंद्रीकृत सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली में डेटा अपलोड करना होता है, एक प्लेटफ़ॉर्म जो बैंक खातों को सत्यापित करता है और राज्यों के भेजे गए लाभार्थियों के बायोमेट्रिक आधार विवरण की जांच करता है. फिर उन्हें हस्ताक्षर के लिए राज्यों में वापस भेज दिया जाता है. वहीं पश्चिम बंगाल सरकार ने 4 मई को इस योजना पर हस्ताक्षर किए हैं.
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किसानों के चेहरे पर आएगी खुशियां
देश भर में कोरोना के दूसरे लहर के कारण एक बार फिर से लॉकडाउन के जैसी स्थिति बनी हुई है. इन कारणों से देश के किसानों की माली हालत भी ठीक नहीं है. माना जा रहा है कि ऐसे समय में किसानों को मिलने वाले पैसों से उन्हें काफी हद तक राहत मिलेगी. पीएम मोदी ने भी अपने संबोधन में कहा था कि इन हालातों में हमें एक-दूसरे की मदद करनी की जरूरत है, बता दें कि ये पहला मौका होगा जब बंगाल के किसानों को भी इस फंड का लाभ मिल सकेगा.
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