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Side Hero भी बर्दाश्त नहीं कर सकते PM Modi, देश का एकमात्र Superstar बनने की चाहत... (पढें रिपोर्ट)

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Side Hero भी बर्दाश्त नहीं कर सकते PM Modi, देश का एकमात्र Superstar बनने की चाहत... (पढें रिपोर्ट)
Nishant Sharma  नई दिल्ली | PM Modi BJP Amit Shah : 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता संभालने के बाद से भारत की राजनीति में कई परिवर्तन देखे गए थे. PM Modi ने अपने शुरुआती 4 सालों में यह संदेश देने की कोशिश की थी कि वो जातिगत राजनीति को ज्यादा अहमियत नहीं देते थे. यह बातें हम यूं ही नहीं कह रहे हैं. 2014 के बाद BJP द्वारा जीती गई विधानसभा चुनाव को ध्यान से देखें तो आपके ये साफ दिखाई देगा. BJP ने महाराष्ट्र हरियाणा और झारखंड में जीत दर्ज करने के बाद ऐसे चेहरों को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना जिन्हें ज्यादा लोग नहीं जानते थे. सबसे बड़ी बात यह है कि यह सभी उन जातियों से थे जो अमुक राज्यों की राजनीति में अस्तित्व नहीं रखते थे. इन उठाए गए कदमों से पीएम मोदी ने नई राजनीति और नहीं चुनाव की परंपरा का संदेश देने की कोशिश की थी. कई लोगों का यह भी कहना है कि इन फैसलों से पीएम मोदी RSS के उस सोच को सही साबित करना चाहते थे जिसमें कहा जाता था कि एक नेता का अनुसरण करो. PM Modi BJP Amit Shah :

कैबिनेट में बदलाव सोच में भी बदलाव था

PM Modi BJP Amit Shah : कोरोना की दूसरी लहर के बाद जो कैबिनेट का विस्तार किया गया तो पीएम मोदी की यह सोच पीछे छूट गई. नई कैबिनेट में जो टीम बनाई गई उसमें 27 ओबीसी और 12 दलित मंत्रियों को स्थान दिया गया. साफ था की पीएम मोदी अब एक बार फिर से भारत की पारंपरिक राजनीति यानी कि जातिगत राजनीति में कदम रख चुके थे. यहां सबसे बड़ी गौर करने की बात यह है कि ना सिर्फ पीएम मोदी ने ओबीसी और दलितों को कैबिनेट में शामिल किया बल्कि इस पर राजनीति करने की भी पुरजोर तरीके से कोशिश की. आपको भी याद होगा कि संसद में किस तरह पीएम मोदी कांग्रेस को जातिगत भेदभाव के लिए जिम्मेवार ठहरा रहे थे.

देश के सामने दिखाया एक ही हीरो

PM Modi BJP Amit Shah : पीएम मोदी के सत्ता संभालने के बाद से लगातार एक और बड़ा परिवर्तन या देखने को मिला कि देश के सामने हमेशा एक हीरो को दिखाया गया. वह हीरो खुद प्रधानमंत्री मोदी थे. पीएम मोदी कि इस राजनीति में काफी हद तक इंदिरा गांधी की झलक देखने को मिली. पीएम मोदी ने भी राज्य में ऐसे लोगों को मुख्यमंत्री पद नवाजा जिन का जनाधार कुछ खास नहीं था.पद की लालसा में ऐसे सीएम प्रधानमंत्री मोदी की एक कठपुतली मात्र बनकर रह गए. उदाहरण स्वरुप मध्यप्रदेश में शिवराज चौहान और राजस्थान में वसुंधरा राजे जरूर हैं. लेकिन अब उनकी पत्नी विश्वसनीयता राज्य स्तर पर देखने को नहीं मिलती. इसे भी पढ़ें- भारत में कोरोना के ग्राफ में उतार-चढ़ाव जारी, 24 घंटे में मामले फिर बढ़कर पहुंचे 30 हजार पार, मौतें भी बढ़ी PM Modi BJP Amit Shah :

आलकमान जानता है अब नहीं रही पहले वाली बात

BJP आलाकमान, प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह याद बेहतर तरीके से जानते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद अब पहले वाली बात नहीं रही. उन्हें अच्छे से पता है कि पीएम मोदी की लोकप्रियता में खासा फर्क पड़ा है. एक ओर कोरोना की महामारी और लॉकडाउन जूझ रहे हैं दूसरी और आर्थिक महंगाई के कारण लोग बीजेपी को कोसने लगे हैं. ऐसे में लगातार केंद्रीय मंत्रियों और राज्य स्तर पर नेतृत्व में बदलाव के लिए दिखाने की कोशिश की गई कि पीएम मोदी बेगुनाह हैं. गलती तो किसी और की ही थी. इसे भी पढ़ें- Mr. India खिताब विजेता बॉडी बिल्डर मनोज पाटिल ने की आत्महत्या की कोशिश, Suicide Note में इस अभिनेता पर लगाए आरोप
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