चंडीगढ़। अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाले पंजाब के मंत्रिमंडल ने सोमवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए, चुनाव पूर्व किए गए वादे को निभाने के लिए पंजाब लोकायुक्त विधेयक 2020 पेश किया। यह विधेयक सभी पदाधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री तक को कवर करेगा। यह निर्णय मौजूदा पंजाब लोकपाल कानून 1996 को निरस्त कर देगा। मुख्यमंत्री, मंत्रियों, गैर-अधिकारियों और सभी सार्वजनिक कार्यालयों के अधिकारियों पर नया कानून लागू होगा। इसका मकसद गर्वनेस को आगे बढ़ाना और भ्रष्टाचार की जांच करना है।
इस विधेयक को चालू बजट सत्र में पेश किया जाएगा। कानून में यह बदलाव राज्य में सार्वजनिक अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों और आरोपों की जांच के लिए एक स्वायत्त निकाय बनाए जाने की बात कहता है। इसके अलावा यह कानून लोकायुक्त की नियुक्ति और उससे जुड़े मामलों के लिए भी प्रावधान तय करता है। लोकायुक्त के पास 1908 की सिविल प्रक्रिया संहिता के तहत सिविल कोर्ट की सभी शक्तियां होंगी। यह झूठी शिकायतों के मामलों में अभियोजन का प्रावधान भी करेगा।
बजट सत्र में पंजाब लाएगा लोकायुक्त विधेयक
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