जयपुर। राजस्थान में नर्सिंग कर्मचारियों (Nursing Staff) की लंबित मांगों पर राज्य सरकार के सकारात्मक कदम नहीं उठाये जाने पर राज्यव्यापी आंदोलन किया जायेगा। राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन (Rajasthan Nurses Association) के प्रदेशाध्यक्ष प्यारे लाल चौधरी एवं प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह शेखावत ने यह बात कही। श्री चौधरी ने बताया कि उनकी मांगे पिछले कई दिनों से लंबित हैं और सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही हैं।
अब उनके मांग पत्र पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रथम चरण में आगामी पांच से 20 जनवरी तक जिला, तहसील एवं ब्लॉक एवं ग्रामीण पीएचसी स्तर तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा (Parsadi Lal Meena) के नाम ज्ञापन दिये जायेंगे। उन्होंने बताया कि द्वितीय चरण में 25 जनवरी से 25 फरवरी तक राज्य के पक्ष एवं विपक्ष सहित सभी जन प्रतिनिधियों एवं पार्टी पदाधिकारियों को मांग पत्र संलग्न कर ज्ञापन दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि फिर भी उनकी मांगों पर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया गया तो राज्यव्यापी आंदोलन की घोषणा की जायेगी।
श्री शेखावत ने कहा कि हालांकि उनकी कुछ मांगे पूरी हुई हैं लेकिन अभी काफी मांगे लंबित हैं और सरकार उन पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। ऐसे में निर्णय किया गया है कि अब नया मांग पत्र बनाकर नये सिरे से नये मांग पत्र के साथ सरकार के पास जाया जाये। उन्होंने कहा कि हम भी हड़ताल जैसे काम नहीं करना चाहते हैं और सरकार को हमारी मांगे माननी चाहिए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जब कर्मचारियों की मांगों पर कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाये जाने पर हड़ताल तो मजबूरी में की जाती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं देने पर बड़ा आंदोलन किया जायेगा।
श्री चौधरी ने बताया कि उनकी प्रमुख मांगों में नर्सिंग निदेशालय की स्थापना, कम से कम 50 हजार नियमित नई नियुक्ति एवं चिकित्सकों की भांति नर्सिंग की भी सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष करने, नर्सिंग प्रशिक्षाणार्थियों का स्टाईफण्ड बढ़ाने, नर्सेज संवर्ग के केडर का पुर्नगठन, एएनएम (एलएचवी) नर्सिंग ट्यूटर एवं सीनियर नर्सिंग ऑफिसर को टाइम बाइंड प्रमोशन का लाभ देने, उच्च पदों का सृजन करना,एएनएम, एलएचवी का नाम परिवर्तन कर क्रमश ग्राम स्वास्थ्य अधिकारी एवं ग्राम जनस्वास्थ्य अधिकारी करन, यूटीबी,संविदा एवं आउटसोर्सेसके तहत कार्यरत नर्सेज संवर्ग के सभी कर्मचारियों एवं अधिकारियों को नियमित करने, नर्सेज के वेतन भत्ते केन्द्र के समान करने, नर्सिंग ऑफिसर एवं सीनियर नर्सिंग ऑफिसर नर्सिंग टयूटर का पद राजपत्रित करने आदि शामिल हैं। (वार्ता)