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पायलट खेमा हाई कोर्ट पहुंचा

ByNI Desk,
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पायलट खेमा हाई कोर्ट पहुंचा
जयपुर।  विधानसभा स्पीकर की ओर से दिए गए नोटिस के खिलाफ कांग्रेस नेता सचिन पायलट और उनके साथी 18 विधायकों ने हाई कोर्ट में याचिका दी है। पायलट खेमे ने स्पीकर के नोटिस को रद्द करने की अपील की है। उनकी याचिका पर सुनवाई के लिए गुरुवार को दो बार अदालत बैठी पर देर शाम इसे शुक्रवार तक के लिए टाल दिया गया। गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी की अपील पर स्पीकर डॉक्टर सीपी जोशी ने 19 विधायकों को नोटिस जारी किया है और शुक्रवार तक जवाब देने को कहा है। इस नोटिस को रद्द करने के लिए दायर याचिका पर जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की कोर्ट में ऑनलाइन सुनवाई हुई। पहली बार सुनवाई में पायलट खेमे ने याचिका में संशोधन का वक्त मांगा फिर दोबारा पांच बजे सिंगल बेंच ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान खंडपीठ की मांग की गई, जिसके बाद इस मामले को दो जजों की बेंच को भेज दिया गया। दो जजों की बेंच इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई करेगी। पहले दो बार अदालत बैठी तो विधानसभा स्पीकर की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखा। वहीं, बागी विधायकों की ओर से हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी पेश हुए। हरीश साल्वे ने कहा कि सदन से बाहर की कार्यवाही के लिए अध्यक्ष नोटिस जारी नहीं कर सकते। नोटिस की संवैधानिक वैधता नहीं है। गौरतलब है कि मंगलवार की रात को स्पीकर डॉ. सीपी जोशी ने सचिन पायलट सहित 19 कांग्रेस विधायकों को नोटिस भेज कर 17 जुलाई तक जवाब देने को कहा है। विधानसभा में सत्तारूढ़ दल के चीफ व्हिप महेश जोशी ने विधानसभा सचिवालय में शिकायत की थी कि ये विधायक पार्टी विधायक दल की बैठक से बिना सूचना दिए गैरहाजिर रहे, जबकि पार्टी ने व्हिप जारी किया था। उनका कहना है कि इन विधायकों पर दलबदल कानून लागू होता है। इसके तहत विधायकों की सदस्यता खत्म किए जाने का प्रावधान है। उनकी अपील पर स्पीकर ने नोटिस जारी किया। दूसरी ओर पायलट खेमे के विधायकों का कहना है कि पार्टी का व्हिप सिर्फ तभी लागू होता है जब विधानसभा का सत्र चल रहा हो। गौरतलब है कि सचिन पायलट सहित 19 विधायक बागी रुख दिखा रहे हैं और उन्होंने पार्टी की ओर से बुलाई गई विधायक दल की दो बैठकों में हिस्सा नहीं लिया, जिसके बाद पायलट को प्रदेश अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया। बेनिवाल ने वसुंधरा पर साधा निशाना राजस्थान में चल रही सियासी उठापटक के बीच भाजपा की सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, रालोपा के सांसद हनुमान बेनीवाल ने अलग ही विवाद खड़ा कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के विरोधी माने जाने वाले बेनिवाल ने उन पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि वे राजस्थान की कांग्रेस सरकार बचा रही हैं। गौरतलब है कि राजस्थान में सचिन पायलट के बागी होने के बाद पिछले सात दिन से सियासी हलचल मची है पर वसुंधरा ने अभी तक इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। यहां तक कि पार्टी की ओर से दो बार बैठक रखी गई पर वे उसमें शामिल नहीं हुईं। बहरहाल, बेनीवाल ने आरोप लगाया है कि वसुंधरा राजे ने राजस्थान कांग्रेस में अपने करीबी विधायकों से फोन करके उन्हें गहलोत का साथ देने की बात कही है। रालोपा सांसद का कहना है कि सीकर व नागौर जिले के एक-एक जाट विधायकों को राजे ने खुद बात करके पायलट से दूरी बनाने को कहा है। बेनीवाल ने कहा ह कि उनके पास इसके पुख्ता प्रमाण हैं! गौरतलब है कि बेनीवाल पहले भाजपा में ही थे पर बाद में निर्दलीय चुनाव लड़े और पिछले लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने अपनी पार्टी बनाई थी, जिसके साथ भाजपा ने तालमेल किया। वे वसुंधरा राजे के विरोधी माने जाते हैं।
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