जयपुर : राजस्थान की अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरकार ने एक ऐसी घोषणा करी है जिसके बाद गाय और मवेशी पालने वाले पशुपालकों को तरह-तरह की चिंताएं सताने लगी है. सरकार ने घोषणा करी है कि अब गया पालने के लिए पहले सरकार से लाइसेंस लेना होगा उसके बाद ही पशुपालक गाय पाल पाएंगे.
गाय पालने वाले हो जाये अब सावधान
राजस्थान सरकार के नए गोपालन नियम के बाद अब गाय पालना शहरी क्षेत्रों में लगभग असम्भव हो गया है क्योकि जिस तरह के नियम सरकार ने बनाये है उसके हिसाब से 95 प्रतिशत शहरी आबादी अब गाय नही पाल पाएगी. नए नियमो के मुताबित अब गाय पालने के लिए 100 गज की जमीन होना जरूरी कर दिया गया है. इसके अलावा गोबर को शहरी क्षेत्र से बाहर डालने की जिम्मेदारी भी पशुपालक की ही होगी.(Ashok Gehlot)
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पड़ोसी भी ना हो परेशान
नए नियमो के मुताबिक पशुपालक ने जिस जगह पशु बंधा है उससे आसपास रहने वाले लोगो को दिक्कत नही होनी चाहिए. अगर पड़ोसियों ने पशुपालक की शिकायत कर दी तो उस पर कार्यवाही होगी. इसके अलावा अगर पशु आवारा घूमता हुआ पाया गया तो दस हजार रुपये का जुर्माना पशुपालक पर लगाया जाएगा.(Ashok Gehlot)
जटिल कानूनों के बीच गौमाता
सरकार के नए नियम इतने जटिल है कि इसके बाद शहरी क्षेत्रो में गाय पालना लगभग असंभव सा हो गया है. नियमो की माने तो मवेशी के लिए 100 वर्ग गज जमीन वही रख सकता है जिसके पास पांच सौ वर्ग गज का मकान हो जबकि शहरी क्षेत्रों में पांच सौ वर्ग गज के मकान पांच प्रतिशत आबादी के पास भी नही है. इस तरह 95 प्रतिशत शहरी आबादी अपने आप गाय पालने से वंचित रह जायेगी. साथ ही पशुपालक को केवल सालभर का लाइसेंस दिया जाएगा लाइसेंस समाप्त होने के बाद उसे दुबारा बनवाना पड़ेगा जो कि गोपालन विभाग से बनेगा. लाइसेंस बनवाने के लिए भी पहले अनेक कानूनी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ेगा. लाइसेंस जारी करते वक्त पशुपालक को अनेक शर्तो के साथ पाबंद किया जाएगा और साथ ही नियमो का उलंघन होने के बाद लाइसेंस रद्द भी किया जा सकता है जिसके बाद वह पशुपालक पशु नही पाल पायेगा.(Ashok Gehlot)
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