ताजा पोस्ट

Republic Day : CM Modi ने उठाया था 'शहीदों की कब्रगाह' का मुद्दा, उन्हीं का सामने प्रस्तुत की गई झांकी...

ByNI Desk,
Share
Republic Day : CM Modi ने उठाया था 'शहीदों की कब्रगाह' का मुद्दा, उन्हीं का सामने प्रस्तुत की गई झांकी...
नई दिल्ली | Latest Republic Day News : देश के 73वें गणतंत्र दिवस के मौके पर देश भर में उत्साह का माहौल है. राजधानी दिल्ली में भी तरह-तरह की झांकियोें की मदद से देश की गौरव को दिखाने की कोशिश की गई. इन सबमें से एक झांकी की खासी चर्चा होती दिखी. इस अवसर पर यहां परेड के दौरान गुजरात की झांकी में 1,200 आदिवासियों के भीषण नरसंहार से ब्रिटेन द्वारा कुचल दिए गए भील बहुल साबरकांठा के एक सदी पुराने विद्रोह को दर्शाया गया. इस झांकी में ब्रिटेन द्वारा लगाए गए अत्यधिक लगान और जबरन मजदूरी कराए जाने के खिलाफ विरोध करने वाले पाल और दधवाव गांवों के आदिवासियों की अंधाधुंध गोलीबारी की घटना को दर्शाया गया.

सीएम मोदी ने उठाया था मुद्दा...

Latest Republic Day News : यह नरसंहार जलियांवाला बाग नरसंहार के मात्र तीन साल बाद सात मार्च 1922 को हुआ था, लेकिन इसके बारे में अधिक लोग नहीं जानते थे. गुजरात सरकार ने एक बयान में बताया कि गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस घटना को सुर्खियों में लाए थे. गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी ने साबरकांठा में नरसंहार स्थल पर आदिवासी विद्रोह के नेता मोतीलाल तेजावत का स्मारक बनवाया था. घटना वाले दिन मोतीलाल तेजावत भूमि राजस्व प्रणाली के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे आदिवासियों को संबोधित कर रहे थे, तभी मेवाड़ भील कोर के मेजर एच जी सैटर्न ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की थी, जिसमें 1,200 आदिवासी मारे गए थे. इसे भी पढें- पद्म भूषण मिलने पर सिब्बल ने कांग्रेस को घेरा, कहा- विडंबना है कांग्रेस को आजाद जरूरत नहीं…

झांकी में दिखा इतिहास, लोगों ने सराहा...

Latest Republic Day News : इस झांकी के आगे के हिस्से में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमाएं थीं जिनके हाथों में क्रांति के प्रतीक के रूप में मशालें थीं. वहीं आदिवासी परंपराओं को प्रदर्शित करते हुए झांकी के दोनों ओर दो घोड़े थे. शहीदों की कब्रगाह कहे जाने वाले ढेखड़िया और दुधिया कुओं के प्रतिरूप भी झांकी का हिस्सा थे. झांकी के साथ-साथ 10 आदिवासी कलाकारों ने अपनी पारंपरिक वेशभूषा में गेर नृत्य किया और घटना का वर्णन करते हुए एक गीत गाया. इसे भी पढें- Republicday 2022: नागरिक उड्डयन मंत्रालय की पहली झांकी क्षेत्रीय हवाई संपर्क पर केंद्रित
Published

और पढ़ें