Nishant Bhuwanika
Coal Crisisi PM Modi : भारत के मेंस्ट्रीम मीडिया की खासियत है कि असल मुद्दों को छुपाकर ऐसे मुद्दे क्रिएट करती है की जनता को समझ ही नहीं आता कि उनके असली समस्या क्या है. आपको शायद यह पता भी नहीं होगा लेकिन आपके साथ एक बार फिर से ऐसा हो चुका है. अभी क्या हुआ है इस पर हम थोड़ी देर में आते हैं . पहले हम आपको याद करा दें कि किस तरह कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मची हाहाकार के बीच सुशांत सिंह राजपूत के आत्महत्या की खबर जोर-शोर से दिखाई गई थी. खैर जो बात बीत गई उस पर क्या चर्चा करना. ताजा मामला यह है कि पूरा देश बिजली संकट से जूझ रहा है. लेकिन क्या सच में पूरे देश में कोयले की कमी हो गई है? क्या सचमुच बारिश और कोरोना के कारण कोयले का खनन नहीं हो पाया है?
निकाला गया ज्यादा कोयला
Coal Crisisi PM Modi : ये बातें बिल्कुल बकवास है कि देश में कोयले की कमी हो गई है. असल बात तो यह है 2019 में अप्रैल और सितंबर के बीच 283 मिलीयन टन कोयला निकाला गया था. अगर 2021 की बात करें तो इस साल 315 मिलियन टन कोयला निकाला गया है. यदि इस बात पर किसी को भी शक है तो इंटरनेट पर कॉल इंडिया लिमिटेड के आंकड़े को चेक किया जा सकता है. आपको वेबसाइट पर जाने पर एक और जानकारी भी मिलेगी की 1.501 एक मिलियन टन कोयला 1 दिन में निकाला गया है. जब इतना कोयला निकाला जा रहा है तो फिर अंधेरा कैसे कायम हो सकता है.
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बदल दी गई टैरिफ नीति
मोदी सरकार के सत्ता संभालने के तुरंत बाद से अडानी और टाटा कंपनी को फायदे पहुंचाने की बात उठती रही है. यह आपका यह जानना जरूरी है कि ये दोनों ही विदेशी कोयला मंगाते हैं. मौजूदा समय में कोयले का दाम विदेश में $150 प्रति टन है. अब आपके लिए यह जानना भी जरूरी है कि शुक्रवार को केंद्र सरकार ने टैरिफ नीति में जो बदलाव किया है उसके अनुसार टाटा ₹16 प्रति यूनिट की दर से बिजली बनाकर बेच सकेगी. टैरिफ नीति में बदलाव के बाद ही यह सब कुछ संभव हो पाया है.
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