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"दीदी" को नहीं आती भाजपा पर "ममता", 2024 में भी देंगी पटखनी !

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नई दि्ल्ली | Mamta will be the face of the opposition : टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने जिस तरह से अपने दम पर बंगाल के विधानसभा चुनाव में भाजपा को पटखनी दी थी. इसके साथ ही देशभर में ममता बनर्जी का कद बढ़ गया था. अगर आपको इस बात में शक है कि देश के प्रधानमंत्री की तुलना एक राज्य की सीएम से कैसे की जा सकती है. आप भी एक बार बंगाल विधानसभा चुनावों के दौरान दिये गये बयानों को याद कर लें. बंगाल चुनाव के दौरान जहां एक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा ने अपनी पूरी ताकत ममता बनर्जी की सरकार को गिराने में लगा दी थी. वहीं दूसरी ओर लगातार टूटती हुई अपनी पार्टी को देखकर भी ममता बनर्जी के हौसले पस्त नहीं हुए थे. जहां भारतीय जनता पार्टी बंगाल में 200 सीटों का दावा कर रही थी वही यह ममता बनर्जी की राजनीतिक समझ ही थी कि भाजपा को उन्होंने 100 का आंकड़ा भी नहीं छूने दिया. बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान दोनों ओर से कड़े बयानों का दौर चला था. ऐसे कई मौके आए जब ममता बनर्जी ने अपने बयानों से केंद्र में शासन कर रही भाजपा के परखच्चे उड़ा दिए. खासकर बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान ममता बनर्जी का दिया हुआ वह बयान की 'खेला होबै' देश भर में लोकप्रिय हुआ. इसलिए तो कहा दीदी को भाजपा पर ममता नहीं आती. Mamta will be the face of the opposition :

ताऊते तूफान के दौरान भी दिखाया था तेवर

Mamta will be the face of the opposition : बंगाल विधानसभा चुनाव के खत्म होने के बाद जब ताऊते तूफान आया था. तब भी ममता बनर्जी ने अपने तेवर से भाजपा और देश के लोगों को आश्चर्य में डाल दिया था. बताया गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में सीएम ममता बनर्जी ने उन्हें आधे घंटे तक इंतजार कराया और उसके बाद दस्तावेज सौंप कर निकल पड़ी. उस दौरान भाजपा के कई नेताओं ने ममता बनर्जी के खिलाफ अनर्गल बयान दिया था लेकिन इसका भी उन पर कोई असर नहीं पड़ा. हालांकि इसके बाद ममता बनर्जी ने सफाई जरूर दी थी मैं किसी और मीटिंग में जा रही थी, प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें पहले इस मीटिंग के लिए सूचना नहीं दी थी. इसे भी पढ़ें - लॉकडाउन का दौर फिर से हुआ शुरू, इस राज्य में दो तक रहेगी पाबंदी – पीएम मोदी ने की सख्ती की मांग Mamta will be the face of the opposition :

किसान नेता राकेश टिकैट निभा रहे हैं मुख्य भूमिका

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी किसान आंदोलन लगातार जारी रहा. यह तो साफ था कि किसानों और केंद्र सरकार के बीच कोई सुलह नहीं हो पा रही थी. इसके बाद किसान नेता ने भी विपक्ष के नेताओं से मुलाकात करनी शुरू की. ममता बनर्जी और राकेश टिकैट की मुलाकात से कहीं ना कहीं इस बात के संकेत मिले कि आने वाले लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी विपक्ष का चेहरा हो सकती हैं. हालांकि अभी से 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है. लेकिन यह राजनीति है और यहां संभावनाओं के लिए हमेशा स्थान होता है. इसे भी पढ़ें -लव जिहादः 16 साल की किशोरी के साथ बहला-फुसला कर की शादी, शारीरिक शोषण और पहले से शादीशुदा होने का भी आरोप..
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