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चांद दिखने पर विश्व प्रसिद्ध अजमेर शरीफ में तोपों की सलामी से उर्स का आगाज

अजमेर | Urs 2023: विश्व प्रसिद्ध गरीब नवाज हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में 811वां उर्स का आगाज हो गया है। ऐसे में राजस्थान की धार्मिक नगरी अजमेर में उर्स की रौनक परवान पर चढ़ी हुई है। उर्स शुरू होने के साथ ही जायरीन सिर पर फूलों की टोकरी और हाथों में चादर फैलाए दरगाह ख्वाजा की दर पर पहुंच रहे हैं।

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चांद दिखने पर तोपों की सलामी से उर्स का आगाज
Urs 2023: अजमेर में इस्लामी माह रजब का चांद दिखने पर उर्स की विधिवत शुरुआत का ऐलान किया गया। उर्स का ऐलान होने पर नौबतखाने में शादियाने, नगाड़े और झांझ बजाए गए। इसी के साथ बड़े पीर की पहाड़ी से तोपची फौजिया ने 5 तोपों की सलामी दी। दरगाह में करीब 800 साल पुरानी परंपरा के अनुसार मजार शरीफ पर दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन ने पहले गुस्ल की रस्म अदा की।

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कौमी एकता की मिसाल है उर्स 
Urs 2023: सांप्रदायिक सौहार्द और विश्व शांति का संदेश देने वाला उर्स कौमी एकता की मिसाल माना जाता है। अजमेर दरगाह शरीफ में उर्स का उल्लास छा गया है। उर्स की मुबारकबाद का सिलसिला शुरू हो गया है। लोग ने एक-दूसरे को गले लगकर मुबारक दे रहे है।

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जयरीनों का लगा मेला
Urs 2023: अजमेर शरीफ में देशभर से हजारों की संख्या में जायरीन ख्वाजा साहब की बारगाह में अकीदत आते हैं और अपनी खाली झोली फैलाकर मन्नत मांगते हैं। उर्स के मौके पर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति आदि की ओर से भी ख्वाजा के दरबार में चादर चढ़ाई जाती है।

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