आजमगढ़ लोकसभा सीट पर मुसलमानों ने समाजवादी पार्टी को वोट नहीं दिया। ढाई साल पहले इस सीट पर अखिलेश यादव तीन लाख के करीब वोट से जीते थे। उनको 60 फीसदी से ज्यादा वोट मिला था। लेकिन उसी सीट पर उनके चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को सिर्फ 33 फीसदी वोट मिला। बहुजन समाज पार्टी के गुड्डू जमाली को 29 फीसदी से ज्यादा वोट मिला। इससे पहले 2019 के आम चुनाव में जमाली नहीं लड़े थे। लेकिन 2014 में जब इस सीट पर वे मुलायम सिंह के खिलाफ लड़े थे तब भी उनको 27 फीसदी से ज्यादा वोट मिला था।
इसका मतलब है कि आजमगढ़ के मुसलमान मुलायम सिंह से ज्यादा महत्व शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को देते हैं। दूसरे, बसपा के कोर दलित वोट के साथ मुस्लिम जुड़ जाते हैं तो वह बड़ा समीकरण बनता है। तभी इस बार जब धर्मेंद्र यादव और भाजपा के दिनेश लाल यादव निरहुआ का मुकाबला हुआ तो मुसलमानों को लगा कि यादव वोट बंटेगा और वे बसपा के वोट के सहारे अपना सांसद जीता लेंगे। इसलिए उन्होंने गुड्डू जमाली को वोट दिया। 2014 में भी मुलायम सिंह यादव और भाजपा के रमाकांत यादव की लड़ाई में यादव वोट बंटने की उम्मीद में मुसलमानों ने गुड्डू जमाली को वोट दिया था।
Tags :Azamgarh