उत्तर प्रदेश

अब जेडीयू ने बनाया भाजपा पर यूपी में गठबंधन का दबाव

Byनवेंदु सिंह,
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अब जेडीयू ने बनाया भाजपा पर यूपी में गठबंधन का दबाव
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में "अपना दल" और "निषाद पार्टी" के साथ गठबंधन का एलान किया है। इस बीच बिहार में एनडीए के घटक जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने यूपी में चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर कर भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। जेडीयू यूपी में भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहती है। लेकिन तालमेल नहीं होने पर वह अकेले ही चुनाव लड़ सकती है। जेडीयू अभी बिहार का एक क्षेत्रीय दल है। वह झारखंड, गुजरात समेत कई राज्यों में चुनाव लड़ती रही है। जेडीयू अब राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करना चाहती है। इसके लिए जेडीयू यूपी के आगामी विधानसभा चुनाव को एक अवसर के रूप में देख रही है। UP election BJP JDU जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा  ने बताया कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए यूपी में चुनाव लड़ना चाहती है। कुशवाहा ने कहा कि उनकी पार्टी भाजपा के साथ मिलकर यूपी में चुनाव लड़ना चाहती है। लेकिन बात नहीं बनी तो जेडीयू यूपी में अकेले चुनाव लड़ेगी। उपेन्द्र कुशवाहा ने इस संबंध में बताया कि पार्टी नेतृत्व जेडीयू को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाने की योजना पर काम कर रहा है। इसके लिए जेडीयू की कोशिश होगी कि यूपी में जेडीयू के 13 उम्मीदवार चुनाव जीतें। यूपी में 13 सीटें जीतने के लिए हम भाजपा से तालमेल की बात करेंगे। लेकिन अगर भाजपा से बात नहीं बनी तो जेडीयू अकेले चुनाव लड़ेगी। up election 2022 चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक किसी भी दल को राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए लोकसभा की दो फीसदी सीटों के साथ कम से कम चार राज्यों में छह फीसदी वोट चाहिए। बिहार के अलावा जेडीयू को अरुणाचल प्रदेश में भी क्षेत्रीय दल का दर्जा प्राप्त है।  परन्तु झारखंड के चुनाव में वोट प्रतिशत में पिछड़ जाने के कारण वह राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा नहीं प्राप्त कर सकी है। अब यूपी में वह राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने के लिए पूरा जोर लगाने की योजना बनाने में लग गयी है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुर्मी समुदाय से आते हैं। भाजपा की यूपी में एक अन्य साझीदार केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की अपना दल भी कुर्मी बिरादरी की पार्टी मानी जाती है। यूपी में कुर्मी समुदाय भी लगभग सात फीसदी हैं। ऐसे में नितीश कुमार की जेडीयू के कारण यूपी में कुर्मी वोटों का बंटवारा होता है तो उसका खामियाजा राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा को उठाना पड़ सकता है। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए जेडीयू ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। निषाद पार्टी के साथ सीटों के तालमेल होने के बाद जेडीयू ने भी बीजेपी पर दबाव बढ़ा दिया है। जेडीयू की यूपी चुनाव को लेकर केंद्रीय मंत्री आर सी पी सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और राष्ट्रीय महासचिव आफाक अहमद खान की बैठक दिल्ली में हुई। दिल्ली में मंगलवार हुई बैठक में जेडीयू कोटे से केंद्रीय मंत्री आर सी पी सिंह को बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत के करने के लिए नामित किया गया है। सूत्रों के अनुसार बीजेपी और जेडीयू के बीच सीटों को लेकर जल्द बैठक हो सकती है। जेडीयू के सूत्रों की माने तो यदि जल्द सीटों को लेकर कुछ तय नहीं हुआ तो वह अपने बूते चुनाव लड़ने का ऐलान करेगी। Read also आप लड़ेगी ‘फ्री बिजली’ की ‘यूएसपी’ पर जेडीयू की बैठक में प्रदेश की कार्यकारिणी में चुनाव से पहले बूथों को भी मजबूत करने पर चर्चा की गई। जेडीयू के सूत्रों की माने तो बीजेपी के साथ यदि सहमति नहीं बनी तो पार्टी अकेले अपने ही दम पर चुनाव लड़ेगी। जनता दल युनाइटेड के प्रदेश अध्यक्ष अनूप कुमार पटेल ने कहा कि की राष्ट्रीय कार्य परिषद की बैठक अक्टूबर या नवंबर में लखनऊ में आयोजित की जाएगी जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे। यूपी में कुर्मी समुदाय भी लगभग सात फीसदी हैं और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसी समाज से आते हैं। यूपी में कुर्मी समुदाय लगभग 50 सीटों पर अच्छी भूमिका निभाता है। इनको लेकर भी सभी राजनीतिक दल रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। बिहार से सटे पूर्वांचल के दर्जनभर जिलों में उनकी अच्छी फैन फालोइंग भी है जिसका फायदा उनकी पार्टी को मिल सकता है। संतकबीरनगर, मिर्जापुर, सोनभद्र, गाजीपुर, बलिया, वाराणसी, जालौन, फतेहपुर और प्रतापगढ़ समेत दो दर्जन जिले ऐसे हैं जहां इस समुदाय के हर सीट पर लगभग पन्द्रह से बीस हजार तक वोटर हैं जो चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं। इसी को ध्यान में रखकर जेडीयू ने 25 सीटों पर अपनी दावेदारी पेश की है। निषाद पार्टी के संजय निषाद पिछले कुछ महीनों से भाजपा पर गठबंधन और विधान परिषद की सीट के लिए दबाव बनाये हुए थे। नतीजा ये है कि यूपी के मुख्य चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने पिछले दिनों लखनऊ प्रवास के दौरान भाजपा पदाधिकारियों के साथ बैठक कर निषाद पार्टी के साथ गठबंधन का एलान किया था। भाजपा ने निषाद पार्टी के साथ गठबंधन का एलान करने के साथ ही उन्हें विधानपरिषद की सीट से भी नवाज दिया। हालांकि संजय निषाद को दो दिन पूर्व हुए योगी मंत्रिमंडल विस्तार में जगह नहीं मिली। लेकिन उन्हें विधानसभा चुनाव में सम्मानजनक सीटें देने का आश्वासन धर्मेंद्र प्रधान ने दिया है। निषाद पार्टी के बाद अब जेडीयू ने भाजपा पर चुनाव तालमेल के लिए दबाव बढ़ा दिया है।
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