नैनीताल। भारतीय वन सेवा के अधिकारी (Indian Forest Service Officer) व कार्बेट टाइगर रिजर्व (CTR) के कालागढ़ वन प्रभाग के निलंबित तत्कालीन उप वन संरक्षक किशन चंद्र सतर्कता अधिष्ठान की जांच के खिलाफ उच्च न्यायालय (High court) पहुंच गये हैं। उन्होंने अदालत से उनके खिलाफ दायर अभियोग को रद्द करने की मांग की है। अदालत ने सरकार से इस मामले में 16 सितंबर तक जवाब पेश करने को कहा है।
आईएफएस अधिकारी किशन चंद्र (IFS Officer Kishan Chandra) की ओर से याचिका दायर कर कहा गया कि उन पर लगाये गये आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने किसी प्रकार की कोई अनियमितता नहीं की है। विभागीय अनुमति के बाद ही निर्माण कार्य किये गये हैं। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत से उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे को रद्द करने की मांग की गयी। याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि सरकार की ओर से उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
दूसरी ओर सरकार की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ गंभीर आरोप हैं। राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण (NCTA) व उच्च न्यायालय (High court) के आदेश पर की गयी जांच में अनियमितताओं की पुष्टि हुई है। सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि जांच अभी प्राथमिक चरण में है। इसके बाद अदालत ने सरकार से इस मामले में 16 सितंबर तक जवाब पेश करने को कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 16 सितंबर को होगी।
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