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उत्तराखंड की ये देवी दिन में तीन बार बदलती है स्वरूप, इस देवी के गुस्से का साक्षी है केदारनाथ धाम

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उत्तराखंड की ये देवी दिन में तीन बार बदलती है स्वरूप, इस देवी के गुस्से का साक्षी है केदारनाथ धाम
भारत में ऐसे कई मंदिर है जिनमें चमत्कार है होते है। उन चमत्कारों और रहस्य को वैज्ञानिक भी नहीं सुलझा पाये है। भारत में जहां मंदिर है वहां कोई ना कोई चमत्कार देखने जरूर मिलेगा। ऐसा ही एक चमत्कारी मंदिर उत्तराखंड में देखने को मिलता है। और वो मंदिर है धारीदेवी मंदिर। कहा जाता है कि इस मंदिर में धारी देवी एक दिन में तीन बार अपने स्वरूप बदलती है। प्रात:काल कन्या, दोपहर में युवती व शाम को वृद्धा का रूप धारण करती हैं। ( Mysterious temple of Uttarakhand )   Mysterious temple of Uttarakhand also read: कावड़ियों से परेशान उत्तराखंड पुलिस, भेष बदलकर आने वाले 26,000 कावडियों को भेजा वापस

मां धारी देवी ने की आकाशवाणी

पौराणिक धारणा के अनुसार एक बार भयंकर बाढ़ में कालीमठ मंदिर बह गया था। लेकिन धारी देवी की प्रतिमा एक चट्टान से सटी होने के कारण धारो गांव में बह कर आ गई थी। गांववालों को धारी देवी की ईश्वरीय आवाज सुनाई दी थी कि उनकी प्रतिमा को वहीं स्थापित किया जाए। जिसके बाद गांव वालों ने माता के मंदिर की स्थापना वहीं कर दी। पुजारियों के अनुसार मंदिर में माँ काली की प्रतिमा द्वापर युग से ही स्थापित है। कालीमठ एवं कालीस्य मठों में माँ काली की प्रतिमा क्रोध मुद्रा में है। ( Mysterious temple of Uttarakhand ) परन्तु धारी देवी मंदिर में काली की प्रतिमा शांत मुद्रा में विराजित है। Mysterious temple of Uttarakhand

गुस्से का प्रमाण रही पूरी देवभूमि ( Mysterious temple of Uttarakhand )

धारीदेवी को देवभूमि उत्तराखंड का रक्षक कहा जाता है। लेकिन इनका गुस्सा भी किसी से छुपा नहीं है। मां धारी देवी के गुस्से का साक्षी है केदारनाथ मंदिर। कहा जाता है कि केदारनाथ में आया प्रलय धारी देवी के गुस्से का ही नतीजा था। मां धारी देवी की प्रतिमा वैसे तो शांत मुद्रा में विराजित है लेकिन जब मां को गुस्सा आया तो पूरी देवभूमि पानी में समा गई। उत्तराखंड में हाइडिल-पॉवर प्रोजेक्ट के चलते धारी देवी की प्रतिमा को 16 जून 2013 की शाम को हटाया गया था। प्रतिमा जैसे ही हटाई गई उसके कुछ घंटे बाद ही केदारनाथ में तबाही का मंजर देखने को मिला। कहते हैं यहीं मां काली की कृपा से महाकवि कालिदास को ज्ञान मिला था। ( Mysterious temple of Uttarakhand ) शक्ति पीठों में कालीमठ का वर्णन पुराणों में भी मिलता है।
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