भराड़ीसैंण। उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा (विस) के पहले बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को सदन में विपक्षी सदस्यों ने जबरदस्त हंगामा किया। एक विधायक की अवमानना के मुद्दे पर रूल बुक फाड़ने के साथ, विधानसभा सचिव की मेज तोड़ दी। इसके बाद पीठ ने हंगामा करने वाले विधायकों को एक दिन के लिए सदन से निलंबित कर दिया।
मंगलवार सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और निर्दलीय विधायकों ने बेरोजगारी के मुद्दे पर नियम 310 में चर्चा की मांग की। इस पर सभापति ऋतु भूषण खंडूरी ने नियम 58 के तहत चर्चा की अनुमति दी। इसके बाद शांतिपूर्ण तरीके से प्रश्नकाल चला। तत्पश्चात, नियम 300 के तहत, विधायक वीरेंद्र सिंह रावत, सहदेव पुंडीर, शिव अरोरा, दुर्गेश्वर लाल, किशोर उपाध्याय और महेश जीना की याचिकाओं पर चर्चा की गई।
संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सात और वन मंत्री सुबोध उनियाल ने एक अर्थात कुल आठ प्रतिवेदनों को सदन के पटल पर रखा। जबकि श्री अग्रवाल ने कुल 12 विभिन्न विधेयकों को राज्यपाल की अनुमति के बाद उनके अधिनियम बनने की सूचना सदन को दी।
इस बीच, विपक्ष ने जसपुर के कांग्रेस विधायक आदेश चौहान की अवमानना मामले को उठाते हुए कार्यवाही के लिए हंगामा शुरू कर दिया। इस पर पीठ ने मामला न्यायालय में लंबित होने के कारण सदन में चर्चा से इनकार किया तो विधायक उग्र होकर सदन के बीचोंबीच आ गए। इस बीच, पीठ ने पुलिस महानिरीक्षक कुमायूं द्वारा द्वारा प्रस्तुत जांच रिपोर्ट को पढ़ना शुरू किया वैसे ही, विपक्षी सदस्य आदेश चौहान, फुरकान अहमद और रवि बहादुर ने पीठ की ओर बढ़ना शुरू कर दिया।
इस बीच, सदन की रूल बुक फाड़ दी गई और सचिव की मेज को तोड़ दिया गया। इस पर पीठ ने हंगामा कर रहे सभी सदस्यों को सदन से बाहर निकालने और एक दिन के लिए सदन से निलंबित करने की घोषणा कर दी और सदन को तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। (वार्ता)