शिवरात्रि यानि भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह। आज के ही दिन शिवशक्ति एक हुए थे। वैसे तो भगवान शिव का हर मंदिर चमत्कारी है। लेकिन एक ऐसा रहस्यमयी मंदिर जहां हुआ था शिव पार्वती का विवाह। जहां दोनों एक दूसरे के साथ जन्म-जनमांतर तक कस्मों और वादों निभाने का वादा किया था। आज हम आपको इस रहस्यमयी मंदिर के बारे में बताएंगे...धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव और माता पर्वती की शादी सतयुग में हुई थी। कहा जाता है कि सावन महीने में शिवशक्ति शादी के बंधन में बंधे थे। ससुराल जाने के बाद माता पार्वती पहली बार शारदीय नवरात्री में मायके आई थी। मान्यता है कि हर साल शारदीय नवरात्र में माता पार्वती मायके आती है। मान्यताएं तो यह भी कहती है कि माता पार्वती और भगवान शिव की शादी त्रियुगीनारायण मंदिर में हुई थी। ये पवित्र स्थान देवभूमि उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग जिले में स्थित है। माना जाता है कि जब भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह किया था तब ये हिमवत की राजधानी थी। यहां हर साल दिसंबर के महीने में एकादशी के दिन मेले का आयोजन भी किया जाता है। ( Shivratri 2022 )
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Shivratri 2022 : शिव और शक्ति के मिलन की साक्षी ऐसी जगह जहां की ज्वाला आजतक जल रही है
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