रियल पालिटिक्स

Mamta banerjee Vs Jagdeep Dhankhar : क्या ममता बनर्जी हटा सकती हैं जगदीप धनखड़ को ? जानें, क्या हैं नियम

Share
Mamta banerjee Vs Jagdeep Dhankhar : क्या ममता बनर्जी हटा सकती हैं जगदीप धनखड़ को ? जानें, क्या हैं नियम
कोलकाता। Mamta banerjee Vs Jagdeep Dhankhar : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद से लगातार राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच का विवाद बढ़ता जा रहा है. ऐसे कई मौके आए जब राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ममता बनर्जी के खिलाफ बयान दिए हैं. इधर ममता बनर्जी अप्रत्यक्ष रूप से राज्यपाल के खिलाफ बोलने से नहीं चुकी हैं. मीडिया में कुछ दिनों से इस बात की चर्चा हो रही है कि ममता बनर्जी राज्यपाल को हटाना चाहती हैं. ऐसा भी माना जा रहा है कि 2 जुलाई से शुरू होने वाले बंगाल विधानसभा में इस तरह का प्रस्ताव पेश किया जा सकता है. अब सवाल यह उठता है कि क्या ममता बनर्जी सचमुच ऐसा कर सकती हैं ? क्या किसी राज्य के मुख्यमंत्री के पास इतना अधिकार है कि वह राज्यपाल को हटा सके.. Mamta banerjee Vs Jagdeep Dhankhar :

राज्यपाल को बदलने का नहीं है अधिकार

Mamta banerjee Vs Jagdeep Dhankhar :  बता दें कि किसी भी मुख्यमंत्री के पास राज्यपाल को हटाने या बदलने का अधिकार नहीं है. ज्यादा से ज्यादा ममता बनर्जी राज्यपाल को बदलने के लिए केंद्र सरकार से सिफारिश कर सकती है. अब इसके बाद यह केंद्र सरकार की मर्जी होगी कि वह ममता बनर्जी की सिफारिश पर गौर करे या ना करे. बता दें कि पहले ही ममता बनर्जी प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिख चुकी हैं कि जगदीप धनखड़ को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल पद से हटाया जाए. इसे भी पढें- Maharastra BJP Protest For OBC Reservation : आरक्षण की मांग के लिए BJP ने किया प्रदर्शन, EX CM फडणवीस को किया गया गिरफ्तार Mamta banerjee Vs Jagdeep Dhankhar :

क्या कहता है संविधान

भारत का संविधान इस बात को सुनिश्चित करता है कि राज्यों में राज्यपाल केंद्र के प्रतिनिधि के रूप में मौजूद रहें. आर्टिकल 155 और 156 इसी बात को इंगित करते हैं. इसका साफ अर्थ है कि देश में शासन करने वाली पार्टी राष्ट्रपति के माध्यम से किसी भी राज्य में अपने पसंद के राज्यपाल की नियुक्ति कर सकती है. यहां यह भी स्पष्ट करने की राष्ट्रपति भी राज्यपालों को एकाएक नहीं हटा सकते. हां कुछ अभूतपूर्व परिस्थितियों में राष्ट्रपति ऐसा कर सकते हैं. ऐसे ही एक मामला 2004 में आया था जब रातोंरात उत्तर प्रदेश गुजरात हरियाणा और गोवा के राज्यपालों को एक साथ हटा दिया गया था. उस समय भी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में गया था . इसे भी पढें- CM Kejriwal on Oxyegen Crisis : ऑक्सीजन विवाद पर केजरीवाल का तंज, कहा- झगड़ा खत्म हो गया हो तो, कुछ काम कर लें
Published

और पढ़ें