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गांगुली की छुट्टी के मायने

ByNI Political,
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गांगुली की छुट्टी के मायने
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली की छुट्टी हो गई है। भारतीय क्रिकेट टीम के सर्वकालिक महान कप्तान सौरव गांगुली अब बीसीसीआई के अध्यक्ष नहीं रहेंगे। उनकी जगह कर्नाटक क्रिकेट बोर्ड से जुड़े रोजर बिन्नी को अध्यक्ष बनाया जाएगा। ध्यान रहे कर्नाटक में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। कांग्रेस पार्टी के नेता राजीव शुक्ला बीसीसीआई के उपाध्यक्ष बनेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह सचिव बने रहेंगे। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के भाई अरुण धूमल की जगह मुंबई भाजपा के अध्यक्ष और विधायक आशीष शेलार कोषाध्यक्ष बनेंगे और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के करीबी देबब्रत सैकिया संयुक्त सचिव होंगे। सो, बीसीसीआई में तीन लोग भाजपा से जुड़े होंगे और एक कांग्रेस से, जबकि अध्यक्ष रोजर बिन्नी क्रिकेट से जुड़े होंगे। इस पूरी प्रक्रिया में सबसे हैरान करने वाला मामला सौरव गांगुली की विदाई का है। पिछले ही दिनों बीसीसीआई की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस आरएम लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के अमल में छूट दी थी और कहा था कि दो लगातार कार्यकाल के बाद भी बीसीसीआई के पदाधिकारी पद पर बने रह सकते हैं। बीसीसीआई ने यह अपील सौरव गांगुली और जय शाह दोनों के लिए की थी क्योंकि गांगुली बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन में और शाह गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन में पदाधिकारी थे और वहीं से बीसीसीआई के पदाधिकारी बने थे। पर अब लग रहा है कि बीसीसीआई की अपील सिर्फ जय शाह के लिए थी। ध्यान रहे वे 2013 से लगातार गुजरात या भारतीय क्रिकेट बोर्ड के पदाधिकारी हैं। बहरहाल, ऐसा लग रहा है कि गांगुली का भाजपा ज्वाइन नहीं करना उनको भारी पड़ गया। वे न तो बीसीसीआई के अध्यक्ष रहे और न आईसीसी के अध्यक्ष बन पाए। तृणमूल कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियों के नेताओं ने इसे मुद्दा बनाया है। बताया जा रहा है कि गांगुली को आईपीएल का चेयरमैन बनने का प्रस्ताव दिया गया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। सबको पता है कि बीसीसीआई का अध्यक्ष रहने के बाद वे आईपीएल के अध्यक्ष नहीं बनते। कोषाध्यक्ष पद से हटे अरुण धूमल के आईपीएल अध्यक्ष बनने की चर्चा है। आगे जो हो लेकिन यह तय हो गया कि अब बीसीसीआई का चेहरा जय शाह होंगे, पहले गांगुली थे।
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