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ICMR के डीजी डाॅ बलराम भार्गव ने कहा- ये कोई दवा नहीं, इस बीमारी में होता आया है प्रयोग

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ICMR के डीजी डाॅ बलराम भार्गव ने कहा- ये कोई दवा नहीं, इस बीमारी में होता आया है प्रयोग
New Delhi: कोरोना की दूसरी लहर के कहर के बाद एक बार फिर से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है. देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के कम होते मामलों से देश के लोगों ने कुछ राहत की सांस जरूर ली है. लेकिन हाल में भारत सरकार द्वारा डीआरडीओर की दवा 2डीजी को इलाज में प्रयोग की अनुमति के बाद से लोगों में असंजस की स्थिति बनी हुई है. इसे देखते हुए आज ICMR के डीजी डाॅ बलराम भार्गव ने कहा कि डीआरडीओर की दवा 2डीजी कोई नयी दवा नहीं है, हां इस दवा का इस्तेमाल बदल गया है. पहले इस दवा का प्रयोग कैंसर के इलाज में किया जाता था. इस दवा के ट्राॅयल का परिणाम डीसीजीआई को भेजा जा चुका है.

ट्राॅयल को लेकर उठ रहे थे सवाल

ICMR के डीजी ने यह बात तब कही जब 2डीजी दवा के प्रयोग पर सवाल उठाये जा रहे हैं और कहा जा रहा है कि इसके ट्राॅयल के क्या परिणाम रहे थे और इसकी सफलता के दावों पर भरोसा क्यों किया जाये. डाॅ बलराम ने प्रेस काॅन्फ्रेंस में ब्लैक फंगस के बारे में भी बात की और कहा कि इसका खतरा ज्यादातर उनलोगों में है जो डायबिटीज के मरीज हैं. इसलिए कोविड से स्वस्थ हुए लोगों को अपना सुगर लेवल कंट्रोल रखना चाहिए. इसे भी पढें- दर्शकों की मौजूदगी में हो सकता India and New Zealand के बीच डब्ल्यूटीसी फाइनल मैच

जून तक 45 लाख टेस्ट प्रतिदिन करने का लक्ष्य

कोरोना के मौजूदा हालातों को देखते हुए ये अनुमान लगाया जा रहा है कोरोना की दूसरी लहर का प्रभाव कम होने लगा है. इस बारे में टेस्टिंग पर डाॅ बलराम ने कहा कि हमारा लक्ष्य इस महीने के अंत तक 25 लाख टेस्ट प्रतिदिन करने का है जिसे जून तक 45 लाख प्रतिदिन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. घर पर ही कोरोना की जांच के लिए किट तैयार करने के मसले पर उन्होंने कहा कि एक कंपनी ने आवेदन किया है. तीन पाइपलाइन में है. एक सप्ताह के अंदर तीन और कंपनी सामने आने वाली है जो कोरोना की जांच घर पर करने के लिए किट बनायेगी. इसे भी पढें- राजस्थान : कोरोना मरीजो को जिंदगी की ऑक्सीजन दे रहा जयपुर का सिक्ख समाज, एक कॉल पर पहुंचती है मदद
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