नई दिल्ली | कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर पूरी दुनिया चिंतित है। दुनिया के बड़े-बड़े वैज्ञानिक इस वायरस का इलाज ढूंढने में लगे है। दुनिया के सभी सभी देशों में तबाही मचाने वाले इस कोरोना वायरस के लिए अब एक्सपर्ट्स ने संभावना जताई है कि कुछ समय बाद कोविड-19 (Covid 19) बीमारी भी इंफ्लुएंजा की तरह हो जाएगी। ऐसे में ज्यादा जोखिम वाली आबादी को इससे बचाव के लिए हर साल कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लेने की जरूरत पड़ सकती है।
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Covid 19 को लेकर लगातार स्टडीज कर रहे इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च में डिवीजन ऑफ ऐपिडेमियोलॉजी और कम्युनिकेबल डिसीज के प्रमुख समीरन पांडा का कहना है कि, कुछ समय के बाद कोविड-19 एंडेमिक स्टेज पर होगा। जब छोटे वायरस तेजी से बढ़ते हैं, तो उनके लिए म्यूटेशन करना आम बात है। ऐसे में एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोविड-19 कुछ समय के बाद इंफ्लुएंजा की तरह एंडेमिक स्टेज में पहुंच जाएगा और जोखिम वाली आबादी को हर साल वैक्सीन लगवानी होगी।
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पांडा ने कहा कि, वैक्सीन संक्रमण से नहीं बचाती, लेकिन बीमारी को गंभीर नहीं होने देती है। कोविड 19 में हुए प्रयोगों में यह साबित हुआ है कि भारत में मौजूद टीके नए वेरिएंट्स के खिलाफ भी प्रभावी हैं। इसलिए कोरोना से बचाव के लिए फिलहाल वैक्सीन ही कारगर है। इसी के साथ डॉ. समीरन पांडा का कहना है कि बच्चों को स्तनपान कराने वाली माताओं को बिना किसी झिझक के कोविड-19 प्रतिरोधी टीका लगवाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा है कि टीके की वजह से माताओं में विकसित होने वाली एंटी-बॉडीज स्तनपान कराते समय धीरे-धीरे शिशु में चले जाते हैं और यह शिशुओं के लिए लाभदायक हो सकता है। अभी उपलब्ध टीके Covid 19 के नए वेरिएंट के खिलाफ काफी हद तक प्रभावी हैं।
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