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क्या तीसरी लहर में BOOSTER DOSE की जरूरत पड़ सकती है?? मेडिकल एक्सपर्ट ने दिया ये जवाब..

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क्या तीसरी लहर में BOOSTER DOSE की जरूरत पड़ सकती है?? मेडिकल एक्सपर्ट ने दिया ये जवाब..
देश सवा साल से कोरोना का प्रकोप झेल रहा है। वर्ष 2020 में भारत में कोरोना आया था। इसके बाद कोरोना के मामले कम होने लगे। फिर आयी कोरोना की तीसरी लहर जो अत्यंत ही आक्रामक है। कोरोना की दूसरी ने लाखों जाने ले ली है। एक दिन में तीन लाख के पार मामले मिल रहे है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर आना निश्चित है। तीसरी लहर सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों पर डालेगी। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर में तीसरी डोज़ की आवश्यकता होगी। क्या इसके लिए लोगों को कोरोना वैक्सीन के बूस्टर डोज की जरूरत पड़ने वाली है? यह सवाल इन दिनों भारत से लेकर ब्रिटेन- अमेरिका तक तैर रहा है। इसे भी पढ़ें CORONA VACCINE RAGISTRATION :बड़ी राहत!! अब 18+ वालों को बिना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के मिलेगी वैक्सीन..

मेडिकल एक्सपर्ट ने दी चेतावनी

अमेरिका के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शियस डिजीज के निदेशक एंथनी फाउची ने कहा कि शायद सालभर के भीतर ही बूस्टर डोज की जरूरत पड़ जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग में बूस्टर डोज काफी अहम होगी। अमेरिका की दवा कंपनी फाइजर के सीईओ अल्बर्ट बाउर्ला ने भी कहा कि अगले 8 से 12 महीने में वैक्सीन की बूस्टर डोज की जरूरत पड़ सकती है। फाइजर ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है।

फिलहाल लगाई जा रही हैं दो डोज

बताते चलें कि दुनिया के ज्यादातर देशों में फिलहाल थोड़े अंतराल पर कोरोना वैक्सीन की दो डोज दी जा रही हैं। इन दोनों को कोरोना के खिलाफ प्राइम डोज कहा जा रहा है। अगर इसके बाद भी महामारी पर काबू नहीं पाया जा सका और एंटी बॉडी बनाने के लिए कोई तीसरी डोज लगवाने के लिए कहा जाए तो उसे बूस्टर डोज कहा जाएगा।

ऐसे काम करता है बूस्टर डोज

बूस्टर डोज एक खास तरीके पर काम करते हैं, जिसे इम्युनोलॉजिकल मैमोरी कहते हैं। हमारा इम्यून सिस्टम उस वैक्सीन को याद रखता है, जो शरीर को पहले दी जा चुकी हो। ऐसे में तयशुदा समय के बाद वैक्सीन की छोटी खुराक यानी बूस्टर का लगना इम्यून सिस्टम को तुरंत सचेत करता है और वो ज्यादा बेहतर ढंग से प्रतिक्रिया करता है।
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