
कोरोना वायरस ने हमारे जीवन में वर्ष 2020 में एंट्री मारी थी। तब लेकर अब तक यह अपने कई रूप बदल चुका हैं। कोरोना की दूसरी लहर हाल ही में होकर गुज़री है। और कोरोना का नया रूप डेल्टा प्लस भारत में आतंक मचाने आ चुका है। कोरोना का डेल्टा प्लस वायरस भी तेजी से अपने पैर फैला रहा है। महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब, मध्य प्रदेश और राजस्थान में डेल्टा प्लस वैरिएंट के कई मामले देखे जा चुके है। महाराष्ट्र में इस वैरिएंट से एक ( what is delta plus varriant ) मौत भी हो चुकी है। कोरोना की दूसरी लहर से अभी तक लोग बाहर भी नहीं आए है कि कोरोना का बदलता हुआ रूप आ गया है। इसके बारे में सुनकर लोग डरे हुए हैं।
कोरोना की दूसरी लहर ने जमकर तबाही मचाई थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस वैरिएंट भारत के अलावा अभी 9 देशों में पाया गया है। ये देश हैं- अमेरिका, यूके, पुर्तगाल, स्विजरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन, रूस। जहां तक बात वायरस के डेल्टा वैरिएंट की है तो यह भारत सहित दुनिया के 80 देशों में पाया गया है। भारत में कोरोना की दूसरी लहर की वजह भी यही डेल्टा वेरियेंट ही था। डेल्टा प्लस हाल ही में भारत में आया है। इसके बारे में ज्यादा कुछ पता भी नहीं है आइये इसके बारे में जानते है..
क्या है कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिएंट ( what is delta plus varriant )
कुछ समय पहले भारत में कोरोना का डेल्टा वायरस यानी B.1.617.2 मिला था। जो भारत सहित अन्य देशों में भी चिंता का विषय था। तब तक यह म्यूटेंट होकर डेल्टा प्लस या AY.1 में भी तब्दील हो गया है। लेकिन हाल ही में डेल्टा प्लस वायरस की पुष्टि हुई है। जो पहले से भी अधिक खतरनाक बताया जा रहा है। डेल्टा वैरिएंट की स्पाइक में K417N म्यूटेशन जुड़ जाने का कारण डेल्टा प्लस वैरिएंट बना है। कोरोना लगातार अपना रूप बदल रहा है जिस कारण यह नए-नए वैरिएंट बन रहे है।
डेल्टा का प्लस वैरिेंट भी उन्हीं में से एक है। K417N द. अफ्रीका में पाए गए कोरोना वायरस के बीटा वैरिएंट और ब्राजील में पाए गगए गामा वैरिएंट में पाया गया है। बहरहाल, वैज्ञानिक जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए लगातार नजर बनाए हुए हैं और जल्द ही डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर जीनोम सीक्वेंसिंग बुलेटिन जारी हो सकती है। आपको बता दें ये वायरस सबसे पहले यूरोप में मिला था। स्पाइक प्रोटीन कोरोना वायरस का मुख्य हिस्सा है। जिससे मदद से ये वायरस इंसान से शरीर में घुसकर संक्रमण फैलाता है।
सबसे ज्यादा तेजी से फैलता डेल्टा प्लस ( what is delta plus varriant )
कोरोना के इस नए वैरिएंट में चौकाने वाली बात यह है कि ये अभी तक के सभी वैरिएंट में सबसे तेजी से फैलने वाला है। हालांकि, अल्फा वैरिएंट भी काफी तेजी से फैलने वाला है, लेकिन डेल्टा वैरिएंट 60 प्रतिशत और ज्यादा संक्रामक है। डेल्टा से ( what is delta plus varriant ) मिलता-जुलता कप्पा वैरिएंट वैक्सीन को भी चकमा देने में कामयाब है। हालांकि ये ज्यादा नहीं फैला। लेकिन अब सुपर-स्प्रेडर डेल्टा वेरिएंट ने लोगों को डरा दिया है। भारत में इसके मामले मिलने से हर ओर चिंता हो गयी है। कोरोना की दूसरी लहर से निपटने में बहुत समय लगा है। दूसरी लहर में हमने बहुत कुछ खोया है। कोरोना का डेल्टा प्लस वैरिेएंट इतना ही आक्रामक हुआ तो यह कहीं तीसरी लहर ना ले आए।
भारत में डेल्टा प्लस की पुष्टि कैसे हुई ( what is delta plus varriant )
भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्शियम (INSACOG) ने नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग के दौरान डेल्टा प्लस वैरिएंट का पता लगाया। भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्शियम प्रयोगशालाओं का एक समूह है जिसकी स्थापना सरकार ( what is delta plus varriant ) ने पिछले साल 25 दिसंबर को की थी। आईएनएसएसीओजी तभी से कोरोना वायरस के जीनोम अनुक्रमण और वायरस का विश्लेषण कर रहा है और इस प्रकार पाए जाने वाले वायरस के नए स्वरूप तथा महामारी के साथ उनके संबंधों का पता लगा रहा है। इसने अब तक 45 हजार से ज्यादा नमूनों की जीन सिक्वेंसिंग कर दी है।
भारत में डेल्टा प्लस के मामले
डेल्टा प्लस वेरिएंट से संक्रमण का पहला मामला मध्य प्रदेश में मिला। भोपाल में एक 64 साल की महिला में इस नए वेरिएंट से संक्रमण का पहला मामला सामने आया। राहत की बात यह रही कि महिला होम आइसोलेशन में ही रहते हुए पूरी तरह स्वस्थ हो गई। हालांकि, एमपी के ही शिवपुरी में डेल्टा प्लस से संक्रमित चार लोगों की मौत हो गई है। केरल के दो जिलों पलक्कड़ और पथनमथिट्टा में तीन लोगों में इस नए वैरियंट ( what is delta plus varriant ) की पुष्टि हुई है। तीन लोगों में एक 4 साल का बच्चा भी शामिल है। महाराष्ट्र में भी डेल्टा प्लस वैरिएंट की पुषिट हुई है। जिनमें से एक मरीज की कथित रूप से मौत हो गई है। राजस्थान में शुक्रवार को डेल्टा प्लस वैरिेएंट की पुष्टि की गी। इसके बाद से राजस्थान में हड़कंप मचा हुआ है। हर ओर भय का माहौल बना है।
बच्चो के लिए डेल्टा प्लस से सावधानी
केरल में डेल्टा प्लस वैरिएंट से चार साल का बच्चा भी संक्रमित पया गया है। वैसे भी देश की व्यस्क आबादी के लिए टीकाकरण अभियान जोरों से चल रहा है, लेकिन बच्चों के लिए अभी कोई वैक्सीन नहीं आई। इस कारण बच्चे अभी वायरस के प्रति ज्यादा संवेदनशील बने हुए हैं। एक्सपर्ट द्वारा यह भी कहा जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर यदि भारत ( what is delta plus varriant ) में आई तो यह सबसे ज्यादा प्रबाव बच्चों पर डालेंगी।
कुछ एक्सपर्ट्स यह भी मान रहे हैं कि अगर डेल्टा प्लस वैरिएंट के संक्रमण की रफ्तार तेज हुई तो इसी की वजह से तीसरी लहर आएगी। वैसे ये सभी अभी अटकलें हैं, पुख्ता जानकारी हासिल करने के लगातार रिसर्च हो रहे हैं। बच्चों को डेल्टा वैरिएंट से बचाने के लिए माता-पिता को पूरी सावधानी बरतनी होगी। बच्चों को हो सकें तो कहीं बाहर ना भेजे। और डबल मास्क का उपयोग करें। सामाजिक दूरी बनाएं रखें। बच्चों के पास एक सैनेटाइज़र की बोतल जरूर रखें।
कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट के लक्षण ( what is delta plus varriant )
1- कोरोना वायरस के नए डेल्टा प्लस वैरिएंट में कई अलग तरह के लक्षण भी देखे जा रहे हैं।
2- कोराना के डेल्टा प्लस वैरिएंट के सामान्य लक्षणों में बुखार, सूखी खांसी और थकान जैसे लक्षण हैं।
3- कोराना के डेल्टा प्लस वैरिएंट के गंभीर लक्षणों में सीने में दर्द, सांस फूलना और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण दिख रहे हैं।
4- इसके अलावा त्वचा पर चकत्ते, पैर की उंगलियों का रंग में बदलना जैसे लक्षण भी दिख रहे हैं।
5- सामान्य लक्षणों में गले में खराश, स्वाद और गंध चले जाना, सिरदर्द और दस्त की समस्या हो रही है।
कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट के बचाव
1- घर से बाहर निकलने पर डबल मास्क जरूर पहनें। ( what is delta plus varriant )
2- जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकलें।
3- हाथों को बार-बार साबुन से अच्छी तरह 20 सेकेंड तक धोते रहें।
4- सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, लोगों से 6 फीट की दूरी बना कर रखें।
5- घर की चीजों और आसपास की जगहों को साफ रखें और डिसइंफेक्ट करते रहें।
6 बाहर से आने वाले सामन को डिसइंफेक्ट करें और तुरंत न छुएं।