
आगराः इसमें कहने की कोई बात नही है कि कोरोना काल में डॉक्टर्स ने अपना अतुलनीय योगदान दिया है। अपनी जान की परवाह ना करते हुए मरीजों की जान बचाई है। डॉक्टर्स को Frontline Workers कहा जा रहा है। लेकिन हर चीज का एक अपवाद होता है। यूपी के आगरा के श्री पारस अस्पताल से एक दिल दहला देने वासी घटना सामने आई है। जिसमें डॉक्टर्स की हैवानियत दिखाई देती है। इस अस्पताल का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें अस्पताल प्रशासन ने मिलकर 22 कोरोना मरीजों की जान ले ली। डॉक्टर्स ने मरीजों के साथ पहले मॉक ड्रिल का खेला किया। उसके बाद 5 मिनट के अंदर-अंदर 22 लोगों की जान चली गई। वीडियो में हॉस्पिटल के संचालक एक शख्स बोलता है कि 22 लोग मर गए थे। यह पूरी बातचीत 26/27 अप्रैल को सामने आए ऑक्सीजन संकट के संदर्भ में है। जब यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो लोगों का गुस्सा आग की तरह फूटा। सीएम योगी ने डीएम को जांच के आदेश दिए है। असपताल पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।
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क्या होता है मॉक ड्रिल
मॉक ड्रिल का नाम हमने सेना के लिए बहुत सुना है। दरअसल यहां मॉक ड्रिल का मतलब है डॉक्टर्स ने मरीजों के साथ जान का खिलवाड़ किया है। डॉक्टर्स ने यह चेक किया कि ऑक्सीजन सपोर्ट पर यह मरीज बिना ऑक्सीजन के भी रह सकते है या नही..5 मिनट तक मरीजों को मॉकड्रिल पर रखा उसके तुरंत बाद मरीज नीले पड़ने लगे और देखते-देखते 22 मरीजों का जान चली गई। सिर्फ यह चेक करने के लिए कि यह कोरोना मरीज बिना ऑक्सीजन सिलेंडर के रह सकते है या नही। कहा जा रहा है कि डॉक्टर्स को यह लगा कि यह मरीज अब इतने गंभीर नहीं इनको ऑक्सीजन सपोर्ट की आवश्यकता नही है। और डॉक्टर्स ने यह चेक किया कि यह मरीज बिना ऑक्सीजन सपोर्ट के भी रह सकते है लेकिन डॉक्टर्स की लापरवाही ने 22 परिवारों की खुशिया छीन ली। इसका मतलब होता है किसी मरीज की आपात सहायता करना और उसकी जान बचाना।
सरकारी रिकॉर्ड में 4 लोगों की मौत दर्ज
सरकारी रिकॉर्ड में 26 अप्रैल को श्री पारस हॉस्पिटल में चार कोरोना मरीजों की मौत दर्ज है। इससे पहले डीएम प्रभु नारायण सिंह ने कहा था कि 26 और 27 अप्रैल को ऑक्सीजन की कमी हुई थी। लेकिन पूरी रात स्वास्थ्य महकमे के साथ प्रशासन की टीम अस्पतालों को ऑक्सीजन पहुंचाती रही। उन्होंने कहा था कि 26 अप्रैल को श्री पारस हॉस्पिटल में कोरोना के 97 मरीज भर्ती थे जिनमें से चार की मौत हो गई थी। मामले में योगी सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने इस मामले को जघन्य अपराध बताते हुए कार्रवाई की बात कही थी। डीएम के आदेश पर अस्पताल को सील किया जा रहा है। इसके साथ ही अस्पताल के संचालक पर महामारी एक्ट के तहक केस दर्ज करने के निर्देश दिए गए है। इसके साथ ही प्रमुख सचिव गृह ने पारस अस्पताल के मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
राहुल गांधी का ट्वीट
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज आगरा के पारस अस्पताल मामले में ट्वीट किया था।उन्होंने इस मामले में जिम्मेदार लोगों पर फौरन कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने लिखा कि भाजपा शासन में ऑक्सीजन व मानवता दोनों की भारी कमी है। इस ख़तरनाक अपराध के ज़िम्मेदार सभी लोगों के ख़िलाफ़ तुरंत कार्यवाही होनी चाहिए।दुख की इस घड़ी में मृतकों के परिवारजनों को मेरी संवेदनाएं।
सोशल मीडिया पर आया उबाल
सोशल मीडिया पर यह वीडियो जिसने भी देखा उसका गुस्सा ज्वालामुखी की तरह फूटा है। कई उपयोगकर्ता इस पर अपनी प्रतिक्रिया देकर अपना गुस्सा निकाल रहे है। एक उपयोगकर्ता का कहना है कि सभी डॉक्टर्स पर केस हो और उनसे डॉक्टरी की उपाधि छीन कर उन्हें सस्पेंड कर दिया जाएं। एक उपयोगकर्ता अस्पताल को सील कर उस पर केस दर्ज हो। 22 परिवारों को खुशियां छीनने वालों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएं।