Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

ये देश की उपलब्धि?

भारती इंटरप्राइजेज को “विश्व अर्थव्यवस्था के इंजन” भारत में इस रकम का निवेश करने से ज्यादा मुनाफा क्यों नहीं दिखा? क्या भारतीय टेलीकॉम कंपनियों को भारतीय बाजार में अपेक्षित विस्तार की संभावना अब नजर नहीं आ रही है?

शुरुआत में खबर कारोबारी मालूम पड़ी कि भारतीय टेलीकॉम कंपनी भारती इंटरप्राइजेज ने ब्रिटिश दूरसंचार कंपनी बीटी में 24.5 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने का फैसला किया है। चूंकि अतीत में भी भारतीय कंपनियां विदेशों में ऐसी खरीदारियां कर चुकी हैं, इसलिए इस खबर से कोई सनसनी नहीं फैली। मसलन, टाटा स्टील ने डेढ़ दशक से भी अधिक समय पहले एंग्लो-डच स्टील कंपनी कोरस को खरीदा था। इसी तरह उसने फॉर्ड मोटर कॉरपोरेशन से जैगुआर और लैंड रोवर को खरीद लिया था। तब वे खबरें भारत में बहुचर्चित हुईं, मगर तत्कालीन सरकार ने उसका श्रेय नहीं लिया। अब की बात और है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने इस “उपलब्धि” का श्रेय प्रधानमंत्री को दिया है। उन्होंने कहा- ‘जिस समय हम प्रधानमंत्री मोदीजी के प्रेरणादायी नेतृत्व में विकसित भारत की तरफ बढ़ रहे हैं, यह अधिग्रहण भारत की बढ़ती ताकत का सबूत है।’ इसीलिए सवाल उठा है कि क्या यह सचमुच देश की उपलब्धि है? बहुत से लोगों के दिमाग में आज भी ब्रिटेन की छवि ‘दुनिया पर राज करने वाले देश’ की है। जबकि आज हालात उलटे हो चुके हैं। ब्रिटेन एक संघर्षरत अर्थव्यवस्था है, जहां आम जन का जीवन-स्तर तेजी से गिरा है।

इस सूरत में वहां की प्रमुख दूरसंचार कंपनी ने भारत के टेलीकॉम सेक्टर में द्वि-अधिकार कायम कर चुकी दो कंपनियों में से एक को तीन बिलियन पाउंड के बराबर की हिस्सेदारी बेची है, तो उसमें कोई हैरत की बात नहीं है। जबकि इससे यह सवाल जरूर उठा है कि भारती इंटरप्राइजेज को “विश्व अर्थव्यवस्था के इंजन” भारत में इस रकम का निवेश करने से ज्यादा मुनाफा क्यों नहीं दिखा? आखिर अभी भी भारत में तीव्र गति के इंटरनेट और फोन की सेवाएं सीमित आबादी को ही उपलब्ध हैं। क्या भारतीय टेलीकॉम कंपनियों को भारतीय बाजार में अपेक्षित विस्तार की संभावना अब नजर नहीं आ रही है? गौरतलब है कि भारती इंटरप्राइजेज अब अपने निवेश के अनुपात में ब्रिटिश सरकार को टैक्स देगी। यह भारत का नुकसान है या लाभ? बेहतर होता कि गोयल यह बताते कि भारती के इस कदम से देश को प्रत्यक्ष या परोक्ष आर्थिक लाभ क्या होंगे?

Exit mobile version