nayaindia Asian Games 2023 ये कैसा ‘हार्ड स्टेट’?
Editorial

ये कैसा ‘हार्ड स्टेट’?

ByNI Editorial,
Share

नरेंद्र मोदी सरकार दुनिया में भारत की छवि हार्ड स्टेट की बनाना चाहती है। भाजपा का पुराना आरोप है कि अन्य पार्टियों के शासनकाल में भारत सॉफ्ट स्टेट था। लेकिन चीन की जब बात आती है, तो हार्ड स्टेट का वह नैरेटिव क्यों मद्धम पड़ जाता है?

बीते जुलाई में चीन में वुशु वर्ल्ड कप का आयोजन हुआ था, तब चीन ने अरुणाचल प्रदेश के तीन एथलीटों को स्टेपल्ड वीजा दिया था। यानी उसने अन्य भारतीय नागरिकों को दिया जाना वाला सामान्य वीजा उन्हें देने से इनकार कर दिया था। तब भारत ने उस पर कड़ा विरोध जताया और वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में भाग लेने से इनकार कर दिया। चीन जा रहे भारतीय खिलाड़ियों को तब हवाई अड्डे से लौटा लिया गया था। यह एक सही प्रतिक्रिया थी। कोई देश यह मंजूर नहीं कर सकता कि उसके किसी क्षेत्र को कोई अन्य देश इस तरह विवादास्पद बनाने की कोशिश की जाए। अब चीन ने वही हरकत एशियाई खेलों के सिलसिले में दोहराई है, लेकिन इस बार भारत की प्रतिक्रिया अलग नजर आई है। इस बार सिर्फ अरुणाचल के तीन खिलाड़ी चीन नहीं भेजे गए, जबकि बाकी पूरी टीम को वहां जाने दिया गया। फिर यह खबर आई कि विरोध जताने के मकसद से खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने उद्घाटन समारोह में भाग लेने का अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया है।

मुद्दा यह है कि जब पूरे टूर्नामेंट के बायकॉट के भारत के फैसले की चीन ने परवाह नहीं की, तो एक मंत्री के ना आने की वह कितनी परवाह करेगा? हालांकि ऐसा फैसला खिलाड़ियों के साथ बड़ा अन्याय होता, लेकिन किसी का कोई नुकसान राष्ट्र को होने वाली क्षति से बड़ा तो नहीं हो सकता। अगर भारत एशियाई खेलों के बहिष्कार का एलान करता, तो उससे चीन की मेजबानी पर जरूर एक धब्बा लगता- साथ ही उससे चीन के इस तरह के रवैये पर दुनिया में चर्चा भी होती। जहां तक खिलाड़ियो के साथ अन्याय की बात है, तो ऐसा जुलाई में वुशु के बाकी खिलाड़ियों के साथ भी हुआ था। एक जैसी ही घटना पर कोई देश अलग-अलग मौकों पर अलग रुख कैसे अपना सकता है? नरेंद्र मोदी सरकार दुनिया में भारत की छवि हार्ड स्टेट की बनाना चाहती है। भाजपा का पुराना आरोप है कि अन्य पार्टियों के शासनकाल में भारत सॉफ्ट स्टेट था। लेकिन चीन की जब बात आती है, तो हार्ड स्टेट का वह नैरेटिव क्यों मद्धम पड़ जाता है?

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें

Naya India स्क्रॉल करें