अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने कनाडा गए। वहां उन्होंने दोहराया कि अमेरिका निज्जर की मौत को “हत्या” मानता है। साथ ही कहा कि अमेरिका में भी ऐसी एक “हत्या” कराने की कोशिश की गई।
निज्जर- पन्नू का कांटाअमेरिका की निगाह हरदीप सिंह निज्जर और गुरपतवंत सिंह पन्नू का मामला अहम बना हुआ है। भारत के साथ गहराते रणनीतिक संबंधों के बावजूद वह इन मसलों को पृष्ठभूमि में डालने को तैयार नहीं है। हर कुछ दिन पर उसकी ओर से ये मामले उठा दिए जाते हैं। फिर ऐसा हुआ है। इस बार इसका जिक्र अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने किया है। सुलिवन एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने कनाडा गए। वहां उन्होंने दोहराया कि अमेरिका निज्जर की मौत को “हत्या” मानता है। साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिका में भी ऐसी एक “हत्या” कराने की कोशिश की गई। इसलिए इन मामलों में अमेरिका और कनाडा सहयोग कर रहे हैं। दोनों देश “ऐसी हत्या या हत्या की कोशिश” के खिलाफ “दृढ़ रुख” अपना रहे हैं। निज्जर और पन्नू दोनों खालिस्तानी उग्रवाद से जुड़े रहे। निज्जर की 2023 में कनाडा के प्रांत ब्रिटिश कोलंबिया में हत्या कर दी गई। आरोप है कि पन्नू की हत्या की साजिश रची गई। लेकिन उसे अंजाम दिए जाने के पहले उसका खुलासा हो गया। कनाडा ने आरोप लगाया था कि निज्जर की हत्या भारतीय एजेंसियों ने कराई।
अमेरिका में पन्नू मामले में दायर मुकदमे में भी ऐसा ही अभियोग लगाया गया है। भारत इस आरोपों को झूठा और बेतुका बताता रहा है। मगर यह हकीकत है कि इन दोनों मामलों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए असहज स्थितियां बनीं। अमेरिका और कनाडा के मीडिया ने भारत की छवि ऐसे देश के रूप में पेश की, जो दूसरे देशों के अंदर गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल है। कनाडा के साथ तो इस मामले को लेकर भारत के संबंधों में खासा तनाव आया। मगर अमेरिका के प्रति भारत ने नरम रुख अपनाए रखा। अमेरिका से कूटनीतिक स्तर पर विवाद को हल करने की कोशिशें भी हुईं। लेकिन अमेरिका अपना रुख नरम करने को तैयार नहीं है। उसके अधिकारी लगातार मसले को उठा देते हैं। इसके पीछे उनका मकसद क्या है, इसको लेकर अस्पष्टता बनी हुई है। एक तरफ दोस्ती का बखान और दूसरी तरफ दोस्त देश की छवि पर लगातार प्रहार, यह ना समझ में आने वाला रुख है।