nayaindia FCRA license suspended असहमत मंचों की मुसीबत
Editorial

असहमत मंचों की मुसीबत

ByNI Editorial,
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बीते मार्च से पहले के सात महीनों में ही करीब 400 संस्थानों की विदेशी चंदा लेने संबंधी अनुमति को निलंबित कर दिया गया था। ऐसी कार्रवाइयां 2014 से शुरू हो गई थीं। तब से अब तक अनेक छोटे या बड़े नाम सरकारी कोप का निशाना बन चुके हैं।

वर्तमान सरकार के शासनकाल में विपक्षी नेताओं के खिलाफ सरकारी एजेंसियां की विवादित कार्रवाइयां और प्रेस की स्वतंत्रता पर हमले की चर्चा खूब रही है। कई विदेश संस्थानों ने भारतीय लोकतंत्र को खतरे में बताया है, भारतीय समाज को आंशिक रूप स्वतंत्र घोषित कर दिया है और प्रेस फ्रीडम इंडेक्स पर भारत लगातार नीचे गिरता गया है। लेकिन इसी दौर में जो एक और क्षेत्र सरकार के निशाने पर रहा है, वह थिंक टैंक और गैर सरकारी संस्थाओं का है। ऐसे जो संस्थान सरकार से असहमत रहे हैं, उसकी नीतियों का विरोध करते रहे हैं या जिन्होंने ऐसी रिपोर्टें तैयार की हैं, उन पर कई तरफ से सरकार का डंडा पड़ा है। उनके लिए विदेशी चंदा के रास्ते बंद या संकुचित कर दिए गए हैं और उन्हें इतने नियमों-विनियमों में फंसा दिया गया है कि सैकड़ों की संख्या में ऐसी संस्थाएं बंद हो चुकी हैं, अथवा उन्होंने अपनी गविधियों को बेहद सीमित कर दिया है। हाल के वर्षों में इस तरह के कदम कई संस्थानों के खिलाफ उठाए गए हैं।

इस वर्ष मार्च में एक अखबार में छपी एक रिपोर्ट में बताया गया था कि उसके पहले के सिर्फ सात महीनों में ही करीब 400 संस्थानों विदेशी चंदा लेने संबंधी अनुमति (केएफसीआरए) को रद्द या निलंबित कर दिया गया था। कई संस्थानों की ऐसी अनुमति के रिन्यूअल की अनुमति नहीं दी गई है या उनके लाइसेंस को समाप्त मान लिया गया है। इस क्रम में निशाने पर आया हालिया सबसे बड़ा नाम सेंटर फॉर पालिसी रिसर्च (सीपीआर) का है। सीपीआर का कहना है कि उसकी फंडिंग के रास्ते बंद कर दिए जाने के बाद 80 विशेष और कर्मचारी संस्थान को छोड़ कर जा चुके हैं। फरवरी में सीपीआर का विदेश से चंदा लेने का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया था। सीपीआर से बड़े नाम जुड़े रहे हैं, लेकिन यह बात उसके काम नहीं आई है। वैसे जब एमनेस्टी इंटरनेशनल और ऑक्सफेम जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को भारत में अपने दफ्तर बंद करने पड़े और उनके पक्ष में कोई आवाज नहीं उठी, तो अहसमति के मंच बनी भारतीय संस्थाएं किसी सहायता की उम्मीद शायद ही कर सकती हैं।

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