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महायुद्ध की गहराती आशंका

सर्बिया के राष्ट्रपति अलेक्सांद्र वुचिच ने यह सनसनीखेज टिप्पणी की है कि अगले चार महीने में तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो जाने की पूरी आशंका है। कहा जा सकता है कि बनते हालत के मद्देनजर वुचिच की ये टिप्पणी कोरी पतंगबाजी नहीं है।     

इटली में आयोजित हुए जी-7 शिखर बैठक का सार यह रहा कि धनी देशों का यह समूह अब रूस के साथ-साथ चीन के खिलाफ भी जंग के लिए कमर कस रहा है। वित्तीय युद्ध का तो जी-7 ने खुला एलान कर दिया है। जी-7 शिखर बैठक में रूस के जब्त की गए 300 बिलियन डॉलर को गिरवी मान कर उसके आधार पर कमाए गए ब्याज की रकम बतौर कर्ज यूक्रेन को देने का फैसला हुआ। इस रूप में यूक्रेन को फिलहाल 50 बिलियन डॉलर मिलेंगे। रूस ने इसे वित्तीय युद्ध के रूप में देखा है। उधर जी-7 के नेतृत्व वाले सैनिक गठजोड़ नाटो को यूक्रेन को मिलने वाली अस्त्र सहायता के समन्वय की भूमिका देने पर विचार हुआ। यह संकेत है कि अब इस युद्ध में नाटो की प्रत्यक्ष भूमिका बनाने में जी-7 देशों को कोई गुरेज नहीं है। इसके पहले नाटो ऐसे कई फैसले लेता गया है, जिसे रूस अपनी लक्ष्मण रेखाओं का उल्लंघन मानता है।

अब इस पर सीधे रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने यूक्रेन युद्ध खत्म कराने का नया प्रस्ताव रखा है। इसमें कमोबेश वही शर्तें हैं, जो दिसंबर 2021 में उन्होंने पश्चिमी देशों के सामने यूक्रेन युद्ध टालने के लिए भेजे गए अपने पत्र में शामिल किया था। तब पश्चिमी देशों ने उसे नजरअंदाज कर दिया, तो अब इन्हें स्वीकार किए जाने की शायद ही कोई संभावना है। इस बीच जी-7 ने यूक्रेन युद्ध लंबा खिंचने के लिए चीन को दोषी बता कर इस मामले में उसे भी घसीट लिया है। जाहिर है, इस पर चीन की कड़ी प्रतिक्रिया आई है। इन घटनाओं ने दुनिया में तनाव को बेहद बढ़ा दिया है। इन्हीं हालात के बीच सर्बिया के राष्ट्रपति अलेक्सांद्र वुचिच ने स्विट्जरलैंड की एक पत्रिका को दिए एक इंटरव्यू में यह कह कर सनसनी फैला दी है कि चार महीने में तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो जाने की पूरी आशंका है। उन्होंने कहा कि इसके मद्देनजर उनकी सरकार अपने देश में जरूरी चीजों का भंडारण कर रही है। कहा जा सकता है कि बनते हालत के मद्देनजर वुचिच की ये टिप्पणी कोरी पतंगबाजी नहीं है।

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