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अब कुछ ठोस हासिल

india china relationImage Source: ANI

india china relation: पिछले साल रूस में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हुई मुलाकात के बाद संबंध सुधार की शुरू हुई प्रक्रिया विदेश सचिव की यात्रा से और आगे बढ़ी है।

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विदेश सचिव विक्रम मिसरी की चीन यात्रा से कुछ ठोस हासिल हुआ। पिछले साल रूस में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हुई मुलाकात के बाद संबंध सुधार की शुरू हुई प्रक्रिया मिसरी की यात्रा से और आगे बढ़ी है।

इस बीच सीमा विवाद पर विशेष प्रतिनिधि की स्तर की वार्ता भी ना सिर्फ शुरू हो चुकी है, बल्कि विवाद हल करने के राजनीतिक पैमानों को पुनर्जीवित करने की सहमति भी उसमें बनी है।(india china relation)

मिसरी की यात्रा के दौरान यह भी महत्त्वपूर्ण रहा कि चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने प्रोटोकॉल से बाहर जाते हुए उनसे मुलाकात की।

यह दोनों देशों की ओर आपसी संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा में एक ठोस संकेत है।(india china relation)

मानसरोवर की यात्रा फिर शुरू

इस बीच मिसरी की बीजिंग में हुई औपचारिक यात्रा में इस साल गर्मी में कैलाश मानसरोवर की तीर्थ यात्रा फिर शुरू करने और दोनों देशों के बीच बहने वाली नदियों से संबंधित सूचनाओं को साझा करने पर विशेषज्ञ स्तर की वार्ता आरंभ करने पर सहमति बनी।

भारत- चीन के बीच सीधी विमान सेवाएं शुरू करने पर भी सिद्धांत रूप में सहमति बनी है।(india china relation)

2020 से बंद कैलाश मानसरोवर की यात्रा फिर शुरू करने के निर्णय से हिंदू श्रद्धालुओं को अच्छा संदेश जाएगा। सीधी विमान सेवाएं शुरू होने पर दोनों देशों के व्यापारी वर्ग को बड़ी सुविधा होगी।

ब्रह्मपुत्र नदी के तिब्बत में

चूंकि दोनों देशों ने जनता के स्तर पर संबंध बढ़ाने का मन बनाया है, तो सीधी विमान सेवाओं से इसके लिए भी अनुकूल स्थितियां बनेंगी।(india china relation)

ब्रह्मपुत्र नदी के तिब्बत में मौजूद हिस्से पर बांध बनाने के चीन के एलान से भारत में आशंकाएं गहराई हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि जल वितरण संबंधी विशेषज्ञ समिति के गठन से इन्हें दूर करने में मदद मिलेगी।

बहरहाल, 2020 में चीनी फौज के द्वारा भारत के इलाकों में अतिक्रमण को लेकर भारत में संदेह अब भी जारी है।(india china relation)

हालांकि भारत सरकार ने शुरुआत से ही ऐसा होने का खंडन किया है, फिर भी भारतीय जनमानस के एक हिस्से बनी धारणाएं दूर नहीं हुई हैं। अब कुछ प्रयास उन्हें दूर करने की दिशा में भी होना चाहिए।

By NI Editorial

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