Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

टीबी की वापसी क्यों?

टीबी के मामले तेजी से बढ़े हैं। चौंकाने वाली बात है कि जब हमारे पास टीबी को रोकने, पहचानने और इलाज करने के साधन मौजूद हैं, तो भी इसके कारण इतनी ज्यादा मौतें हो रही हैं और लोग इसके शिकार बन रहे हैं।

परिस्थितियां अनुकूल हैं, लेकिन नतीजा उलटा हो रहा है। यह कहानी कभी घातक बीमारी रह चुके ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की- ग्लोबल ट्यूबरकुलोसिस रिपोर्ट 2024- के मुताबिक 2023 में 82 लाख लोग टीबी से संक्रमित हुए, जो 1995 में निगरानी शुरू होने के बाद की सबसे बड़ी संख्या है। यह आंकड़ा 2022 में सामने आए 75 लाख नए मामलों से काफी अधिक है। इनके अलावा बड़ी संख्या की ऐसे लोगों के मौजूद होने का अनुमान है, जिनमें इस रोग का निदान नहीं हो पाया। अब डब्लूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम गेब्रियासुस की इस टिप्पणी पर गौर कीजिए- “चौंकाने वाली बात है कि जब हमारे पास टीबी को रोकने, पहचानने और इलाज करने के साधन मौजूद हैं, तो भी इसके कारण इतनी ज्यादा मौतें हो रही हैं और लोग इसके शिकार बन रहे हैं।”

डब्लूएचओ ने अपनी रिपोर्ट जिक्र किया है कि दवा-प्रतिरोधी टीबी (एमडीआर/आरआर-टीबी) के मामलों में भी सुधार हुआ है। टीबी के सामान्य मामलों में इलाज की सफलता दर 88 फीसदी है, जबकि एमडीआर/आरआर-टीबी के मामलों में यह 68 फीसदी तक पहुंच गई है। फिर भी टीबी के मामले बढ़ रहे हैं। टीबी की वापसी से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में भारत प्रमुख है। भारत सहित मध्यम आय वाले ज्यादातर देशों में यह स्थिति स्वास्थ्य के निरोधक (प्रीवेंटिव) पहलू पर जोर घटने के कारण पैदा हुई है। हर सेवा के निजीकरण के दौर में सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राथमिकता नहीं रह गया है।

डब्लूएचओ के मुताबिक लगभग 50 फीसदी मरीजों को इलाज के दौरान “विनाशकारी” खर्च का सामना करना पड़ता है। इसका अर्थ है कि उनका इलाज खर्च उनकी आय का 20 फीसदी से ज्यादा होता है। स्वाभाविक है कि रिपोर्ट में टीबी संबंधी सेवाओं के लिए फंडिंग की कमी का खास उल्लेख किया गया है। 2023 में संयुक्त राष्ट्र की उच्चस्तरीय बैठक में कहा गया था कि 2027 तक टीबी सेवाओं के लिए हर साल 22 बिलियन डॉलर जुटाए जाने चाहिए। 2023 में केवल 5.7 बिलियन डॉलर की फंडिंग उपलब्ध थी- यानी कुल जरूरत का सिर्फ 26 फीसदी। ऐसे में टीबी की वापसी कोई हैरत की बात नहीं है।

Exit mobile version