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ट्रंप काल एक दुविधा

donald trumpImage Source: ANI

donald trump: ट्रंप से संपर्क बनाने की भारत ने कोई समय ना गंवाने का तरीका अपनाया। लेकिन उससे लाभ हुआ नहीं दिखाता। हर देश से संबंध में ट्रंप की नजर फौरी अमेरिकी हित साधने पर है। भारत से रिश्ते की उनकी कसौटी भी यही है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोन पर अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से बातचीत हुई। स्वाभाविक रूप से भारत में इसे महत्त्वपूर्ण घटना माना गया।

इसमें यह संकेत भी देखने की कोशिश हुई कि ट्रंप काल में भी अमेरिकी रणनीति में भारत का महत्त्व बना हुआ है। मगर कुछ घंटों के अंदर ही इस धारणा को लेकर कयास लगाने की वजहें पैदा हो गईं।(donald trump)

एक तो ट्रंप ने एकतरफा एलान कर दिया कि मोदी फरवरी में अमेरिका की यात्रा करेंगे। साथ ही उन्होंने जोड़ा कि अमेरिका में मौजूद अवैध भारतीय आव्रजकों के मामले में मोदी “सही रुख” अपनाएंगे।

यह भी बताया कि उन्होंने मोदी से अमेरिका में बने उपकरणों की अधिक खरीद करने को कहा और जोर दिया कि भारत को अमेरिका के साथ “उचित” व्यापार सहभागिता की ओर बढ़ना चाहिए।

अमेरिकी बाजार का “शोषण”

इसका सीधा अर्थ है कि भारत को अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क घटाने चाहिए। कोई संदेह बचा हो, तो उसे ट्रंप ने रिपब्लिकन सांसदों की एक मीटिंग में दूर कर दिया।

उसमें उन्होंने चीन और ब्राजील के साथ-साथ भारत पर भी अमेरिकी बाजार का “शोषण” करने का आरोप लगाया। कहा कि ये तीनों देश उच्च शुल्क लगाते हैं।(donald trump)

ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि इन देशों ने अपना रुख नहीं सुधारा, तो अमेरिका वहां से होने वाले आयात पर शुल्क बढ़ाएगा। मोदी ने इन मुद्दों पर ट्रंप से क्या कहा, यह तुरंत नहीं बताया गया है, इसलिए कयासों को और हवा लगी है।

भारत से रिश्ते की कसौटी भी यही(donald trump)

भारत की दुविधा यह है कि उसने- खास कर मोदी काल में- अमेरिका से अपने हित इतने अधिक जोड़ लिए हैं कि उसके लिए हर अमेरिकी तेवर महत्त्वपूर्ण हो जाता है।

अब तक कोशिश नरम रुख अपना कर बात को संभालने की रही है। मगर ट्रंप काल में यह तरीका कामयाब होता नहीं दिखता।

ट्रंप और उनके प्रशासन से संपर्क बनाने की भारत ने कोई समय ना गंवाने का तरीका अपनाया। लेकिन उससे कुछ लाभ हुआ, ऐसा नहीं लगता।(donald trump)

ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट नीति का साफ मतलब है कि हर देश से संबंध उनकी नजर फौरी अमेरिकी हितों को साधने पर है। उनके लिए भारत से रिश्ते की कसौटी भी यही है।

By NI Editorial

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