Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

दांव पर छात्रों की जान

जानकारों के मुताबिक छात्रों पर बढ़ने वाले मनोवैज्ञानिक दबाव के पीछे एक प्रमुख कारण यहां का कोचिंग सिस्टम है। कोचिंग संस्थान सिर्फ उन छात्रों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जिन्हें ग्रेडिंग में ज्यादा नंबर मिलते हैं। इससे बाकी छात्रों पर दबाव बढ़ जाता है।

कोचिंग हब के नाम से मशहूर शहर कोटा में छात्रों के आत्महत्या करने का सिलसिला  जारी है। ऐसा लगता है कि ये समस्या लाइलाज हो गई है। छात्रों की मुसीबत और उसके समाधान की चर्चाएं खूब होती हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकलता। बीते आठ महीने में 24 छात्रों ने जान दी है। इनमें से 13 ऐसे थे, जिन्हें कोटा आए एक साल से भी कम समय हुआ था। हाल में यह शहर आत्महत्या की बढ़ती संख्या को लेकर सुर्खियों में आया, जब गुजरे 27 अगस्त को महज चार घंटे के अंतर पर यहां दो छात्रों ने अपनी जान दे दी। उन्हें शामिल करते हुए इस साल जनवरी से लेकर 28 अगस्त तक कोटा में 24 छात्र अपनी जान दे चुके थे। इसके पहले दिसंबर 2022 में चार छात्रों ने आत्महत्या की थी। खबरों के मुताबिक पिछले 12 साल में 150 से ज्यादा छात्र यहां खुदकुशी कर चुके हैँ। जानकारों का कहना है कि छात्रों पर बढ़ने वाले मनोवैज्ञानिक दबाव के पीछे एक प्रमुख कारण यहां के कोचिंग का सिस्टम है।

कोचिंग संस्थान 700 नंबर के इस टेस्ट के रिजल्ट के आधार पर छात्रों की रैंकिंग और ग्रेडिंग तय करते हैं। 500 से ज्यादा नंबर लाने वाले छात्रों की रैंकिंग अच्छी मानी जाती है और उन पर कोचिंग संस्थानों का ज्यादा फोकस होता है। ऐसे में जो बच्चे कम नंबर लाते हैं, वे अपने नंबरों से तो परेशान होते ही हैं, साथ ही उन्हें यह डर भी सताने लगता है कि अब संस्थान भी उन पर कम ध्यान देगा। इस कारण अक्सर वे डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं। आत्महत्या के बढ़ते मामलों से चिंतित राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले दिनों कोचिंग संस्थानों को कुछ निर्देश दिए। इनमें रविवार को टेस्ट नहीं लेने, दो सप्ताह में एक बार छात्र-छात्राओं की सेहत की जांच कराने, पढ़ाई का बोझ नहीं डालने जैसे निर्देश शामिल हैं। कोटा के कलेक्टर ने कोचिंग संस्थानों में दो महीने तक टेस्ट ना कराने का निर्देश जारी किया है। लेकिन जो समस्या करियर के लिए माहौल और परिवार के दबाव से जुड़ी है, क्या उसका समाधान ऐसे उपायों से हो सकता है?

Exit mobile version