sarvjan pention yojna
maiya samman yatra

एक मुख्यमंत्री की आत्मा

एक मुख्यमंत्री की आत्मा

अब ये सवाल लाजिमी है कि मणिपुर में ढाई महीने से जारी हिंसा, सवा सौ से अधिक लोगों की मौत, पचास हजार से ज्यादा लोगों के विस्थापन के बीच मुख्यमंत्री लोगों की कैसी सेवा की है और उनकी आत्मा क्यों नहीं जागी है?

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने मीडिया को अपने बारे में कभी बताया था कि फुटबॉल खेलना उनका शौक था और पत्रकारिता उनका जुनून। लेकिन आत्मा की पुकार पर लोगों की सेवा करने वे राजनीति में उतरे। इसलिए अब ये सवाल लाजिमी हो जाता है कि उनके राज्य में ढाई महीने से जारी हिंसा, सवा सौ से अधिक लोगों की मौत, पचास हजार से ज्यादा लोगों के विस्थापन के बीच उन्होंने लोगों की कैसी सेवा की है? इसी बीच चार मई को वह रोंगटे खड़ा देने वाला वीडियो वायरल हुआ, जिसने न सिर्फ पूरे भारत, बल्कि दुनिया की संवेदना को झकझोर दिया। इसके बावजूद जिस ‘आत्मा की पुकार पर’ बीरेन सिंह राजनीति में आए थे, वह आखिर क्यों नहीं जागी है? उलटे मुख्यमंत्री ने एक टीवी चैनल से बातचीत में यह कहकर अन्य लोगों की आत्मा को झकझोर दिया कि जैसा दृश्य वीडियो में दिखा, वैसी सैकड़ों की घटनाओं की शिकायतें उनके राज्य में दर्ज हुई हैँ।

जब यह सब हुआ है, तब मुख्यमंत्री का व्यवहार कैसा रहा है, उसकी कहानी अब खुद सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के विधायक और नेता मीडिया को बता रहे हैँ। यह शिकायत आम है कि संकट के इस पूरे दौर में बीरेन सिंह ने राज्य के सभी लोगों के नेता बतौर नहीं, बल्कि एक समुदाय विशेष की तरफ से काम किया है। उधर उनकी पार्टी के आलाकमान का हाल यह है कि मणिपुर सांप्रदायिक हिंसा की आंच में लगातार झुलसते रहने के बावजूद मुख्यमंत्री पर इसकी कोई आंच नहीं आई है। जबकि इस दौर में बीरेन सिंह ने ना तो अच्छे राजनेता की मिसाल कायम की है, और ना ही वैसी खेल भावना दिखाई है, जिसकी फुटबॉल जैसे खेल में जरूरत पड़ती है। इस टिप्पणी में दम है कि अगर फुटबॉल होता, तो ऐसे आचरण पर कब का संबंधित खिलाड़ी को रेड कार्ड दिखा दिया गया होता। जबकि हकीकत का यही तकाता है। राज्य में अविश्वास की खाई इतनी गहरी हो चुकी है कि अब बतौर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को रेड कार्ड दिखाए (यानी उनसे इस्तीफा लिए) बगैर किसी नई शुरुआत की गुंजाइश बहुत कम रह गई दिखती है।

Tags :

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें