Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

वित्तीय बाजार में व्यग्रता

अब तक हुए मतदान के रुझान से चुनाव के बाद केंद्र में नई राजनीतिक परिस्थितियां बनने की चर्चा गर्म हो गई है। शेयर कारोबारियों में व्यग्रता का कारण संभवतः यही आशंका है। बाजार में अस्थिरता इंडेक्स सोमवार को ऊंचे स्तर पर पहुंच गया।

आम चुनाव के मतदान के हर चरण के बाद देश के शेयर बाजारों में अनिश्चय बढ़ा है। बाजार की पसंद नरेंद्र मोदी हैं। लेकिन हर चरण में मतदान प्रतिशत घटने और मिल रहे आम संकेतों से बाजार के इस भरोसे में सेंध लग गई है कि मोदी सरकार पूरी मजबूती के साथ वापस आएगी। सोमवार को अस्थिरता का इंडेक्स- वीआईएक्स 21.5 पर पहुंच गया, जिसे हाल के महीनों का सबसे ऊंचा स्तर बताया गया है। नतीजतन सेंसेक्स में दिन के कारोबार में 1000 अंकों से गिरावट आई, हालांकि बाद में इसमें कुछ सुधार हुआ। सोमवार को चौथे चरण का मतदान हुआ। अस्थायी आंकड़ों के मुताबिक इस चरण में भी 2019 की तुलना में मतदान प्रतिशत में दो फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज हुई। चुनाव विशेषज्ञों का दावा है कि मतदान प्रतिशत गिरना किसी रुझान का संकेत नहीं होता। लेकिन आम धारणा में इस गिरावट का अर्थ यह समझा गया है कि नरेंद्र मोदी के लिए मतदाताओं के एक बड़े वर्ग में पहले जो उत्साह दिखता था, वह इस बार गायब है।

इसका क्या ठोस असर चुनाव नतीजों पर होगा, अभी आकलन करना मुश्किल है। लेकिन शेयर बाजारों में इसका अर्थ माना गया है कि मोदी को अपेक्षित सफलताएं नहीं मिलेंगी। इससे नीतियों में अस्थिरता का दौर आ सकता है। इस आम चुनाव से ठीक पहले नरेंद्र मोदी ने “रेवड़ी संस्कृति” के खिलाफ मुहिम चलाई। लगातार पिछले दो बजटों को लोक-लुभावन रखने के लालच से बचा गया। इस बार के भाजपा के चुनाव घोषणापत्र में भी पहले के चुनावों की तरह तोहफों की भरमार नहीं हैं। वित्तीय बाजारों ने इसे पसंद किया। लेकिन ऐसा ना होने का परिणाम अगर सरकार के अस्थिर होने के रूप में आया, तो वित्तीय बाजारों के लिए पिछले दस साल से जारी अनुकूल स्थितियां अनिश्चिय में पड़ सकती हैं। शेयर कारोबारियों में व्यग्रता का कारण संभवतः यही आशंका है। फिलहाल मोदी ने अपना पूरा चुनाव अभियान हिंदू-मुस्लिम नैरेटिव पर केंद्रित कर रखा है। चार जून को आने वाले नतीजे बताएंगे कि क्या यह कहानी इतनी प्रभावी बनी हुई है, जिससे सिर्फ उसके आधार पर चुनाव जीता जा सकता है?

Exit mobile version