नरेंद्र मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था से लेकर कोरोना तक में अपना सबसे कारगर हथियार सच पर परदा डालने को माना। तरीका यह रहा कि अगर आर्थिक आंकड़े अनुकूल ना हों, तो आंकड़े जुटाने का पैमाना बदल दो। बड़े समर्थक जमातों में ये तरीका कारगर रहा। तो इसे कोरोना महामारी में आरंभ से अपनाया गया। संक्रमण और मौतों के कम आंकड़े बता कर सुर्खियों को संभालने की रणनीति यहां भी अपनाई गई। पिछले साल गुजरात हाई कोर्ट ने जब इस बारे में सवाल पूछे तो राज्य सरकार ने बेहिचक कहा था कि सच बताने पर घबराहट फैलेगी। तब चूंकि सच कम भयानक था, इसलिए वो बात चल गई। लेकिन इस बार जब सच विकराल हो गया, तो अब खड़ी गई दीवारों के ऊपर से झांक रहा है। खुद गुजरात हाई कोर्ट कह चुका है कि हकीकत उससे कहीं बदतर है, जितना सरकार बता रही है।
अब मीडिया रिपोर्टों से भी सामने आया है कि मौतों का जो आंकड़ा बताया गया है, असल में हुई मौतें उससे न सिर्फ ज्यादा, बल्कि बहुत ज्यादा हैं। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक 16 अप्रैल को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य कुल 78 मौतें हुईं। जबकि सिर्फ अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, वडोदरा, गांधीनगर, जामनगर और भावनगर में 689 शव अंत्येष्टि के लिए लाए गए। इन सबकी अंत्येष्टि कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए हुई। जाहिर है, इसमें गुजरात के बाकी हिस्सों के आंकड़े शामिल नहीं हैं और यह रोजाना की कहानी है। लेकिन ये कहानी सिर्फ गुजरात की नहीं हैं। उत्तर प्रदेश में अलग-अलग शहरों से मिलने वाली खबरें सरकारी आंकड़ों पर भरोसा नहीं करने देतीं। दरअसल, शवदाह गृहों, श्मशान घाटों, कब्रिस्तानों पर अपने प्रियजनों के अंतिम संस्कार के लिए लगीं लंबी लाइनें संकेत देती हैं कि सरकारी दावों की तुलना में समस्या कहीं ज्यादा भयावह है। एक अंग्रेजी अखबार ने गाजियाबाद के श्मशान घाट से ऐसी ही ग्राउंड रिपोर्ट प्रकाशित की है। एक वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक जब उसके संवाददाता वाराणसी के हरिश्चंद्र घाट, मणिकर्णिका घाट और कब्रिस्तानों के संभावित आंकड़ों के आधार पर एक आकलन किया। इसके मुताबिक वेबसाइट ने दावा किया है कि एक से 15 अप्रैल के बीच हुईं कुल कोरोना मौतों में से करीब 50 फीसदी मौतों को उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने आधिकारिक आंकड़ों में छिपा लिया। लेकिन अब आंकड़ों के खेल से बात छिपाए छिप नहीं रही है। सच है कि सिर चढ़ कर बोल रहा है।
सच तो छिपता नहीं!
और पढ़ें
-
कोर्ट में केजरीवाल ने खुद दी दलील
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को राउज एवेन्यू की विशेष अदालत में अपनी दलीलें खुद दीं और अदालत...
-
केजरीवाल को सीएम से हटाने की याचिका खारिज
नई दिल्ली। एक तरफ राउज एवेन्यू का विशेष अदालत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चार दिन के लिए...
-
छह सौ वकीलों ने चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखी
नई दिल्ली। देश की शीर्ष न्यायपालिका में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। देश के कुछ जाने माने वकीलों के...
-
चिट्ठी के बहाने कांग्रेस पर मोदी का हमला
नई दिल्ली। देश के कुछ जाने माने वकीलों के साथ छह सौ वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई...