बेबाक विचार

भुखमरी का विकराल रूप

ByNI Editorial,
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भुखमरी का विकराल रूप
गौरतलब यह है कि ये भुखमरी लगातार जारी इस समस्या का हिस्सा नहीं है। बल्कि कोरोना महामारी और हाल की लड़ाइयों ने ये स्थिति पैदा की है। मसलन,  अफगानिस्तान तेजी से "दुनिया का सबसे बड़ा मानवीय संकट" वाला देश बन गया है। विश्व खाद्य कार्यक्रम ने ये बात अपनी रिपोर्ट में बताई है। Corona epidemic UN starvation दुनिया में चार करोड़ लोग भुखमरी का सामना कर रहे हैँ। ये खबर सारी दुनिया के लिए चिंता का विषय होना चाहिए था। लेकिन आप पूरी दुनिया के मेनस्ट्रीम मीडिया पर गौर कर लें। ये खबर कहीं छोटे कॉलम में सिमटी दिख जाए, तो वह भी गनीमत ही समझिए। गौरतलब यह है कि ये भुखमरी लगातार जारी इस समस्या का हिस्सा नहीं है। बल्कि कोरोना महामारी और हाल की लड़ाइयों ने ये स्थिति पैदा की है। मसलन,  अफगानिस्तान तेजी से "दुनिया का सबसे बड़ा मानवीय संकट" वाला देश बन गया है। विश्व खाद्य कार्यक्रम ने ये बात अपनी रिपोर्ट में बताई है। उसने आगाह किया है कि 43 देशों में बिल्कुल अकाल के मुहाने पर पहुंचे लोगों की संख्या बढ़कर साढ़े चार करोड़ हो गई है। एक साल में ऐसे लोगों की संख्या इस साल 30 लाख और बढ़ी है। तो ये दुनिया की हकीकत है। हमारे सामने गृह युद्धों, जलवायु परिवर्तन और कोविड-19 जैसे संकटे हैं, जो भूखे लोगों की संख्या को बढ़ा रहे हैं। इस साल के शुरुआत में अति  भुखमरी का सामने करने वाले लोगों की संख्या करीब 4.2 करोड़ थी। 2019 में ऐसे लोगों की संख्या दो करोड़ 70 लाख थी। तो पड़ा फर्क साफ है। दुखद यह है कि मानव निर्मित संघर्ष अस्थिरता को और बढ़ा रहे हैं। उधर अकाल की एक विनाशकारी नई लहर आई हुई है। अत्यंत भुखमरी के हालात का सामना करने वाले लोगों की संख्या में मुख्य वृद्धि अफगानिस्तान, इथियोपिया, हैती, सोमालिया, अंगोला, केन्या और बुरुंडी में दर्ज की गई है। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद लगभग 2.3 करोड़ लोगों की मदद के लिए विश्व खाद्य एजेंसी ने मदद तेज की है। वहां ईंधन महंगा हो गया है, खाने-पीने की चीजें महंगी हो रही हैं, उर्वरक अधिक महंगे हो गए हैं और यह सब एक तरह का नया संकट पैदा कर रहे हैं। अस्थिरता और युद्ध का सामना कर रहे सीरिया-यमन जैसे देशों में भी यही स्थिति देखने को मिल रही है। रिपोर्ट में कहा गया है- "खाद्य स कट दुनिया के सबसे बड़े मानवीय संकट में बदलता जा रहा है। सूखे ने लाखों परिवारों को हाशिए पर धकेल दिया है। सूखे की वजह से लाखों लोगों को अपने बच्चों को स्कूलों से निकाल लेना पड़ा है। तो स्थिति भीषण है। लेकिन यह वैश्विक चर्चा से फिलहाल बाहर है।
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