बेबाक विचार

नागरिक अधिकारों को बल

ByNI Editorial,
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नागरिक अधिकारों को बल
जिस दौर में संवैधानिक अधिकारों के पक्ष में आए अदालती फैसलों की भी किल्लत हो गई हो, त्रिपुरा हाई कोर्ट के दो फैसलों ने लोगों में नई उम्मीदें जताई हैं। इन फैसलों में अदालत ने अभिव्यक्ति की आजादी की नए सिरे से व्याख्या की है। अभिव्यक्ति की आजादी और सोशल मीडिया पोस्ट की वजह से हाल में विभिन्न राज्यों में होने वाली गिरफ्तारियों के मद्देनजर ये फैसले नजीर बन सकते हैं। इनका दूरगामी असर हो सकता है। हाई कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया पर पोस्ट डालना व्यक्ति का मौलिक अधिकार है। महज इसके लिए किसी की गिरफ्तारी नहीं की जा सकती। एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने नागरिकता कानून के समर्थन में भाजपा के अभियान के खिलाफ फेसबुक पर एक पोस्ट डाली थी। इस पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। उस व्यक्ति की याचिका पर अदालत ने यह फैसला सुनाया। त्रिपुरा में बिप्लब कुमार देब के नेतृत्व में भाजपा सरकार सत्ता में है। इसके बाद भाजपा की आईटी सेल ने उस व्यक्ति के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। उसके आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी ने अपने फैसले में कहा कि सोशल मीडिया पर पोस्ट करना नागरिकों का मौलिक अधिकार है। यह बात सरकारी कर्मचारियो के मामले में भी लागू होती है। अदालत ने पुलिस को आगे किसी तरह की कार्रवाई करने से मना कर दिया। इससे पहले एक अन्य मामले में मुख्य न्यायधीश कुरैशी के नेतृत्व वाली खंडपीठ ने कहा था कि सरकारी कर्मचारियों को राजनीतिक कार्यक्रमों में शामिल होने का अधिकार है। कर्मचारी न सिर्फ पार्टियों की बैठकों समेत दूसरे कार्यक्रमों में शामिल हो सकते हैं, बल्कि उनके बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट भी कर सकते हैं। अदालत ने कहा कि कर्मचारियों के राजनीतिक कार्यक्रमों में शामिल होने या सोशल मीडिया पर पोस्ट करने को सर्विस रूल के उल्लंघन की तरह नहीं देखा जा सकता। राजनीतिक दल के कार्यक्रम में जाने का मतलब राजनीति में शामिल होना नहीं है। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को एक रिटायर्ड कर्मचारी के खिलाफ इस आधार पर लगाए गए सभी आरोप वापस लेने का आदेश दिया। अदालत ने दो महीनों में उनकी बकाया रकम का भुगतान करने को कहा। उस कर्माचारी पर राजनीतिक कार्यक्रम में शामिल होने और सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के आरोप में कार्रवाई की गई थी। जाहिर है, आज के माहौल में ये फैसले असाधारण माने जाएंगे।
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