बेबाक विचार

ट्रंप नीति के अऩुरूप

ByNI Editorial,
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ट्रंप नीति के अऩुरूप
अब अमेरिका आकर बच्चे पैदा करना आसान नहीं होगा। गर्भवती महिलाओं को अमेरिकी प्रशासन टूरिस्ट वीजा या चिकित्सा वीजा जारी नहीं करेगा। ट्रंप सरकार का यह नियम 24 जनवरी से लागू हो गया है। हालांकि वे लोग जो इलाज करवाने अमेरिका जाते हैं, उन पर यह नियम लागू नहीं होगा। वहीं गर्भवती महिलाओं को अमेरिका की यात्रा करने के लिए अमेरिकी अधिकारियों से मिलकर कोई दूसरा ठोस कारण बताना होगा। ह्वाइट हाउस का कहना है कि अमेरिका में जो लोग गलत तरीके से आते हैं, उसे बंद करने के लिए नए नियम को लागू किया गया है। अमेरिकी नागरिकता की अखंडता को बरकरार रखना जरूरी है। गौरतलब है कि अमेरिका दुनिया के उन देशों में शामिल है जहां जन्म लेने पर ही बच्चों को वहां की नागरिकता मिल जाती है। चाहे बच्चे के माता-पिता भी देश के क्यों ना हों। अमेरिका और कनाडा दो ही ऐसे विकसित देश हैं, जहां पैदा होने से ही बच्चों को देश की नागरिकता मिल जाती है। कई अमेरिकियों की शिकायत रही है कि अपने बच्चों को अमेरिका की नागरिकता देने के लिए दूसरे देशों से लोग बच्चे पैदा करने के लिए अमेरिका आ जाते हैं। इसे "बर्थ टूरिज्म" कहा जाता रहा है। लेकिन अब इसकी गुंजाइश लगभग खत्म हो गई है। यह नया नियम खास तौर पर रूस और चीन जैसे देशों के धनी परिवारों पर असर डालेगा। इन परिवारों की महिलाएं अपने बच्चों के लिए अमेरिकी पासपोर्ट पाने की ख्वाहिश में यहां आती हैं। चीन की सरकार के दो बच्चों की नीति से परे जो लोग ज्यादा बच्चे चाहते हैं, वे बच्चा पैदा करने के लिए अमेरिका जाते रहे हैं। इससे उनके बच्चों अमेरिकी नागरिकता मिल जाती है। बहरहाल, इससे सबसे ज्यादा प्रभावित मेक्सिको के गरीब लोग होंगे। दरअसल वीजा प्रतिबंध का असर मेक्सिको की सीमा से अमेरिका जाने वाली गर्भवती महिलाओं पर पड़ेना शुरू हो गया है। पहले गर्भवती महिलाओं को सीमा पर ‘कमजोर’ समूह का हिस्सा माना जाता था। इन्हें भी छोटे बच्चों के साथ आम तौर पर बिना किसी मुद्दे के सीमा पार करने की अनुमति दी जाती थी। ट्रंप प्रशासन के इस फैसले के बाद सीमा पर मौजूद अधिकारियों ने नियम लागू होने से पहले ही गर्भवती महिलाओं को हटाना शुरू कर दिया। इस तरह डोनल्ड ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट नीति का एक और परिणाम सामने आ गया है।
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