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दबाव बनाने का दाव

ByNI Political,
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दबाव बनाने का दाव
mamata inquiry commission pegasus ममता बनर्जी को अगर ये समय अपने अनुकूल लग रहा है, तो उसकी वजहें हैं। अब उनके दांव का परिणाम क्या होगा, फिलहाल नहीं कहा जा सकता। लेकिन पेगासस का सच सामने आए, यह पूरा देश चाहता है। हालांकि ये भरोसा शायद ही किसी को हो कि ऐसा सचमुच हो पाएगा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पेगासस जासूसी मामले में न्यायिक आयोग बनाने का फैसला कर एक साथ कम से कम दो निशाने साधे हैं। एक तरफ इससे उन्होंने केंद्र सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी की हैं, जो अब तक इस जासूसी कांड के बारे में कोई साफ बात कहने से बचती रही है। अब ऐसे जजों को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार ने आयोग ने बनाया है, जिनकी छवि बेहतर है। जांच आयोग कानून के तहत अब उन्हें इस बारे में दस्तावेज मंगवाने का हक होगा। अब केंद्र सरकार के पास इस आयोग के बेअसर करने का एक ही उपाय है कि वह अपना आयोग बनाए। तब इस कानून के तहत उसके आयोग को वरीयता मिल जाएगी। लेकिन तब आयोग के सामने भी केंद्र को पेगासस से संबंधित दस्तावेज पेश करने होंगे। इस जासूसी कांड में एक असल सवाल सिर्फ यही है कि क्या भारत सरकार ने ये जासूसी सॉफ्टवेयर खरीदा? और अगर हां, तो ये खरीदारी किस एजेंसी ने की? अगर ये बात सामने आ जाए, तो जासूसी की सारी जवाबदेहियां अपने-आप तय हो जाएंगी। न्यायिक जांच संबंधी अर्जी सुप्रीम कोर्ट में भी है। Read also राहुल के खिलाफ कैसे कैसे तर्क अब अगर केंद्र ये जांच नहीं चाहता, तो वहां उसे उन अर्जियों का विरोध करने के साथ-साथ ये पैरवी भी करनी होगी कि सुप्रीम कोर्ट पश्चिम बंगाल सरकार के आयोग को निरस्त करे। लेकिन ऐसा करने से सिर्फ यही संदेश जाएगा कि केंद्र सच को छिपाना चाहता है। तो इस तरह ममता बनर्जी ने केंद्र के लिए असमंजस की स्थिति पैदा की है। उनका दूसरा निशाना विपक्षी दल हैं। ममता ने जिस तरह अपने दिल्ली दौर का समय तय किया है और जिस तरह उसके ठीक पहले उन्होंने आयोग का गठन, उससे यही संदेश गया है कि वे विपक्ष की नेता के रूप में उभरने का दांव चल रही हैं। पेगासस मामले में लीड लेकर उन्होंने नरेंद्र मोदी के वैकल्पिक विपक्षी नेता के रूप में अपनी दावेदारी और मजबूत करने का प्रयास किया है। बहरहाल, राजनीति में ऐसे दांव लगभग सभी नेता चलते हैं। उनके बीच कामयाब वह होता है, जो समय की बेहतर पहचान कर सके। ममता बनर्जी को अगर ये समय अपने अनुकूल लग रहा है, तो उसकी वजहें हैं। अब उनके दांव का परिणाम क्या होगा, फिलहाल नहीं कहा जा सकता। लेकिन पेगासस का सच सामने आए, यह पूरा देश चाहता है। हालांकि ये भरोसा शायद ही किसी को हो कि ऐसा सचमुच हो पाएगा।
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