बेबाक विचार

ये तो अच्छी खबर है

ByNI Editorial,
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ये तो अच्छी खबर है
अगर सच है, तो बेशक यह अच्छी खबर है। ब्रिटिश पत्रिका लासेंट में छपे एक अध्ययन में लगाए गए पूर्वानुमान पर्यावरण के लिए अच्छी खबर हैं। अगर ऐसा हुआ तो खाद्य उत्पादन प्रणालियों पर दबाव कम होगा। कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा। सब सहारा अफ्रीका के हिस्सों में अहम आर्थिक मौके पैदा होंगे। इसलिए कि अफ्रीका के बाहर ज्यादातर देशों में आबादी घटेगी। अध्ययन का निष्कर्ष यह है कि साल 2100 तक दुनिया की आबादी उससे तकरीबन दो अरब कम रहेगी, जितना अनुमान पहले संयुक्त राष्ट्र ने लगाया थाष फिलहाल दुनिया की आबादी 7.8 अरब है। एक अनुमान के अनुसार 2064 तक यह बढ़ कर रिकॉर्ड 9.7 अरब हो जाएगी। इसके बाद यह कम होने लगेगी। साल 2100 तक यह गिर कर 8.8 अरब हो जाएगी। 2019 में संयुक्त राष्ट्र ने जो रिपोर्ट प्रकाशित की थी, उसके अनुसार साल 2100 तक आबादी के 10.9 अरब पहुंच जाने का अनुमान था। यानी ताजा लगाया गया अनुमान से संयुक्त राष्ट्र का अनुमान दो अरब ज्यादा था। यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन की इस नई रिपोर्ट में रिसर्चरों ने संयुक्त राष्ट्र के अनुमान को गलत बताया है। रिसर्चरों के अनुसार साल 2100 तक 195 में से 183 देशों की जनसंख्या में कमी आएगी। 23 देशों की आबादी तो आधी हो जाएगी। 34 अन्य देशों की जनसंख्या में 25 से 50 फीसदी की कमी आएगी। इस ताजा रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राष्ट्र ने अपने आकलन में गिरते प्रजनन दर और वृद्ध आबादी को ध्यान में जरूर रखा था, लेकिन नीतियों से जुड़े कुछ अन्य पैमानों को नजरंअदाज कर दिया था। इस रिपोर्ट के अनुसार एक बार अगर आबादी गिरने लगे, तो उसे रोकना नामुमकिन हो जाता है। तो जब आबादी गिरेगी तो उसके परिणामस्वरूप दुनिया में सत्ता के लिहाज से बड़े बदलाव भी देखे जाएंगे। जिन 23 देशों की जनसंख्या आधी हो जाने की बात कही गई है, उनमें जापान, स्पेन, इटली, थाईलैंड, पुर्तगाल, दक्षिण कोरिया और पोलैंड शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार 2035 तक चीन दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यस्था बन जाएगा। वह अमेरिका को भी पीछे छोड़ देगा। लेकिन चीन की जनसंख्या में गिरावट के बाद अमेरिका फिर से अपनी जगह हासिल करने में कामयाब रहेगा। फिलहाल चीन की जनसंख्या 1.4 अरब है। अगले अस्सी सालों में यह 73 करोड़ ही रह जाएगी। इसी दौरान अफ्रीकी देशों में जनसंख्या वृद्धि देखी जाएगी। सब सहारा अफ्रीका में आबादी तीन गुना बढ़ कर तीन अरब हो सकती है। लेकिन अंततः सबसे ज्यादा आबादी वाला देश भारत ही रहेगा।
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