भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने झारखंड के पाकुड़ की एक चुनावी सभा में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है और अब अगले चार महीने में अयोध्या में आसमान छूने वाला भव्य राममंदिर बन जाएगा। सवाल है कि चार महीने में राममंदिर कैसे बनेगा? कहीं ऐसा तो नहीं है कि भाजपा अध्यक्ष यह कहना चाह रहे हों कि चार महीने में मंदिर बनना शुरू हो जाएगा और मीडिया ने उसे गलत रिपोर्ट किया है? पर लगभग सभी जगह यहीं खबर है कि चार महीने में मंदिर बन जाएगा। असलियत यह है कि चार महीने में मंदिर बनना शुरू हो जाए तब भी बड़ी बात होगी।
ध्यान रहे सुप्रीम कोर्ट ने नौ नवंबर को फैसला सुनाया था। यानी फैसला सुनाए हुए डेढ़ महीने होने जा रहे हैं। तब सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि केंद्र सरकार तीन महीने के अंदर एक ट्रस्ट का गठन करे, जो मंदिर निर्माण का कामकाज देखेगी। सरकार को एक रूपरेखा बना कर देने को भी कहा गया था। पर डेढ़ महीने में ऐसी कोई पहल हुई नहीं दिख रही है। राम मंदिर आंदोलन से जुड़े तमाम संगठन और ट्रस्ट नए बनने वाले ट्रस्ट में शामिल होने के लिए जोर लगा रहे हैं। इस बीच सभी पक्षों के पास सुप्रीम कोर्ट में सुधारात्मक याचिका दायर करने का विकल्प भी है। ऐसे में चार महीने में मंदिर बना देने का वादा वोट के लिए बेचैनी में किए गए वादे से ज्यादा कुछ नहीं है।
राम मंदिर चार महीने में कैसे बनेगा?
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